पैसे देकर बिजली बचाती है IREDA, आम आदमी के 1 लाख को बना दिया 3 लाख

Kashid Hussain

May 28, 2024

​1987 में शुरुआत​

इंडियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (इरेडा) की शुरुआत 1987 में मिनी रत्न पीएसयू कंपनी के तौर पर की गई थी

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​रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी​

इरेडा को रिन्यूएबल एनर्जी और एनर्जी एफिशिएंसी से जुड़े प्रोजेक्ट्स को प्रमोट और डेवलप करने के मकसद से शुरू किया गया था

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​नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी ​

इरेडा एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी है, जो न्यू और रिन्यूएबल सॉर्सेज से बिजली बनाने वाली स्कीमों और प्रोजेक्ट्स को फाइनेंशियल सपोर्ट देती है

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बीकॉन ट्रस्टीशिप का IPO खुला

​और क्या हैं उद्देश्य​

इसके अन्य मकसद ग्रीन पावर कैपेसिटी को बढ़ाना और सोलर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने के लिए फाइनेंशियल सपोर्ट देना है

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​मिनीरत्न से नवरत्न कैटेगरी में अपग्रेड ​

अपनी लगातार सफलता के चलते सरकार ने इरेडा को मिनीरत्न से नवरत्न कैटेगरी में अपग्रेड कर दिया है

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​इरेडा का प्रॉफिट​

इरेडा अलग-अलग तरह के एनर्जी प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने के लिए 22 योजनाएं चलाती है। दिसंबर तिमाही में इरेडा का प्रॉफिट 67.15% बढ़कर 335.5 करोड़ रु रहा था

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​कम्प्रेस्ड बायो गैस और एनर्जी एफिशिएंसी​

सोलर, विंड, हाइड्रो के अलावा ये बायो एनर्जी, ट्रांसमिशन लाइन, वेस्ट टू एनर्जी, कम्प्रेस्ड बायो गैस और एनर्जी एफिशिएंसी और कंजर्वेशन को भी सपोर्ट करती है

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​ इरेडा का आईपीओ​

पिछले साल इरेडा का आईपीओ आया। IPO में इसके शेयरों का प्राइस 32 रु था, जबकि इसकी लिस्टिंग 60 रु पर हुई

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​1 लाख रु के बने 3 लाख रु​

लिस्टिंग से अब तक इरेडा का शेयर 197 फीसदी रिटर्न दे चुका है। यानी निवेशकों के 1 लाख रु करीब 3 लाख रु बन चुके हैं

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