Jan 02, 2025
गौतम अडानी ने कहा कि वर्क-लाइफ बैलेंस किसी पर थोपा नहीं जाना चाहिए। यह प्रत्येक व्यक्ति की व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।
Credit: Twitter
कोई व्यक्ति अपने परिवार के साथ चार घंटे बिताता है और उसे आनंद आता है, जबकि कोई अन्य व्यक्ति आठ घंटे बिताकर संतुष्ट होता है। यह उसका व्यक्तिगत बैलेंस है।
Credit: Twitter
इसके बावजूद यदि आप आठ घंटे बिताते हैं, तो बीवी भाग जाएगी। अडानी का संदेश था कि वर्क-लाइफ बैलेंस व्यक्तिगत होना चाहिए और इसे किसी पर भी थोपना नहीं चाहिए।
Credit: Twitter
अडानी का मानना है कि असल संतुलन तब महसूस होता है जब कोई व्यक्ति वह काम करता है जो उसे पसंद हो। इससे जीवन में संतुष्टि और संतुलन आता है।
Credit: Twitter
अडानी ने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति यह स्वीकार कर लेता है कि जीवन में किसी भी समय कुछ भी हो सकता है, तो जीवन सरल हो जाता है।
Credit: Twitter
अडानी ने यह भी कहा कि जब कोई व्यक्ति यह स्वीकार कर लेता है कि जीवन में किसी भी समय कुछ भी हो सकता है, तो जीवन सरल हो जाता है।
Credit: Twitter
यह बयान इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति द्वारा दिए गए 70 घंटे काम करने के विचार के बीच आया था, जो हाल ही में चर्चा में था।
Credit: Twitter
इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति ने कहा था कि उन्होंने अपनी कंपनी में 70 घंटे काम करने की संस्कृति को बढ़ावा दिया ताकि वे वैश्विक मानकों से मेल खा सकें।
Credit: Twitter
मूर्ति का यह भी मानना था कि भारतीयों को अपनी आकांक्षाओं को ऊंचा रखना चाहिए और कड़ी मेहनत करनी चाहिए, क्योंकि भारत में अभी भी करोड़ों लोग गरीबी में हैं।
Credit: Twitter
इस स्टोरी को देखने के लिए थॅंक्स