Aug 29, 2023
आज हम आपको ऐसी महिला की सक्सेस स्टोरी बताएंगे जिन्होने छोटे शहरों से जाकर बड़े शहरों में नहीं बल्कि दूसरे देश में जाकर परचम लहराया है।
Credit: Zulekha-hospital
84 वर्षीय डॉ. ज़ुलेखा दाउद की सफलता की कहानी लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।
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कभी महाराष्ट्र के एक गरीब परिवार से आने वाली डॉ जुलेखा दाऊद आज दुबई की सबसे अमीर भारतीय महिलाओं में से एक हैं।
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नागपुर में जन्मी जुलेखा दाऊद के पिता दिहाड़ी मजदूर थे, लेकिन बेटी ने अपनी काबिलियत से जिंदगी में बड़ा मकाम हासिल किया है।
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डॉ जुलेखा दाऊद ने 1992 में जुलेखा हॉस्पिटल ग्रुप की शुरुआत की ताकि लोगों को बेहतर हेल्थकेयर सुविधाएं मुहैया कराई जा सके। 84 साल की उम्र में डॉ जुलेखा दाऊद, जुलेखा हॉस्पिटल ग्रुप की चेयरमैन हैं।
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साल 2019 में डॉ जुलेखा दाऊद को प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार मिला। इतना ही नहीं डॉ जुलेखा दाऊद को फोर्ब्स ने मिडिल ईस्ट की टॉप 100 की लिस्ट में शामिल किया है।
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जुलेखा ग्रुप हॉस्पिटल का सालाना रेवेन्यू 440 अरब डॉलर यानी 3662 करोड़ रुपये है। सिर्फ संयुक्त अरब अमीरात में ही नहीं, बल्कि भारत में भी सस्ती और जरूरी हेल्थकेयर सुविधाएं मुहैया कराई।
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नागपुर में एक टॉप मेडिकल सेंटर खोलने के लिए उन्हें वर्ल्ड बैंक से 198 करोड़ रुपये मिले, जबकि 20 करोड़ रुपये का योगदान उनके ग्रुप ने किया।
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