Mar 28, 2024

कहां छपता है भारत का रुपया, कौन देता है स्याही और कागज

Ramanuj Singh

भारत में ही छपते हैं भारतीय रुपये

भारतीय रुपये सिर्फ भारत सरकार के प्रिंटिंग प्रेस में छापे जाते हैं।

Credit: Canva

​1926 से भारत में छपना शुरू हुआ नोट​

सबसे पहले भारत में वर्ष 1926 में नोट छापने का काम शुरू हुआ था।

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रुपये छापने के लिए 4 प्रिंटिंग प्रेस

पूरे भारत में भारतीय नोटों को छापने के लिए कुल 4 प्रिंटिंग प्रेस हैं।

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इन 4 शहरों में छापे जाते हैं भारतीय रुपये

भारत में महाराष्ट्र के नासिक, कर्नाटक के मैसूर, पश्चिम बंगाल के सलबोनी, मध्य प्रदेश के देवास में नोटों की छपाई होती है।

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नोट छापने की स्याही देवास में बनती है

कागजी नोट छापने के लिए देवास में ही स्याही का प्रोडक्शन होता है।

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स्याही विदेश से लाकर यहां फिर से बनाई जाती है

नकली नोटों को रोकने के लिए विदेश से मंगाई जाने वाली स्‍याही को कंपोजीशन में बदलाव किया जाता है।

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रुपयों पर उभरी छपाई की स्याही ​स्विटजरलैंड से आती है​

नोट पर उभरी हुई छपाई की स्याही स्विटजरलैंड की कंपनी SICPA में बनाती है।

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जर्मनी, ब्रिटेन, जापान से आता है ​पेपर​

भारतीय नोटों में इस्तेमाल होने वाला ज्यादातर पेपर जर्मनी, यूके और जापान से आयात किया जाता है।

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होशंगाबाद में भी पेपर मिल

भारत के होशंगाबाद में भी सिक्योरिटी पेपर मिल है। यहां नोट और स्टांप के लिए पेपर बनाने का काम होता है।

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80 प्रतिशत नोट विदेशी पेपर पर छपते हैं

भारतीय करेंसी के 80 प्रतिशत नोट विदेश से आने वाले कागज पर ही छपते हैं।

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