Aug 25, 2023

देश में फेल लेकिन विदेश में डंका, टायर बेचकर इस शख्स ने कमा लिए 46000 करोड़

Ashish Kushwaha

​महाबीर प्रसाद पोद्दार ने की शुरुआत​

महाबीर प्रसाद पोद्दार ने अपने 1960 के दशक में टेक्सटाइल बिजनेस को 1987 आते-आते टायर के बिजनेस में बदल दिया। जो शुरुआत में सिर्फ साइकिल के टायर बनाते थे।

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दुनियाभर में टायर की डिमांड

आज इस देशी ऑफ रोड टायर ने दुनिया में धमाका मचा रखा है इसके टायर की डिमांड 160 से अधिक देशों में हैं। अब यह ऑफ रोड टायर उद्योग में एक वैश्विक खिलाड़ी बन गया है।

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घर बैठे ऐसे कमाएं लाखों

विदेशों में मांग होने के बावजूद बेस भारत को ही बनाकर रखा​

आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑफ रोड टायर सेगमेंट में उतरने के बावजूद कंपनी ने अपना बेस भारत को ही बनाकर रखा।

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ऑफ रोड टायर्स क्या होते हैं?

ऑफ रोड टायर्स को खासतौर से उबड़-खाबड़ रास्तों के लिए बनाया जाता है। इन्हें टैक्टर, क्रेन, माइन्स के वाहनों यूज किया जाता है।

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​ गुजरात के भुज में 312 एकड़ का टायर प्लांट ​

कंपनी ने लगभग 500 मिलियन डॉलर का निवेश करके गुजरात के भुज में अपना 312 एकड़ का टायर प्लांट तैयार किया जिसमें तैयार टायर पूरे दुनिया में भेजे जाते हैं।

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कंपनी का सबसे बड़ा टायर

यहां 51’’ टायर बिलिंडग मशीनों के साथ काम किया जा रहा है वर्तमान में निर्मित सबसे बड़ा रेडियल टायर 27.00 आर 49 शामिल हैं।

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​अरविंद पोद्दार हैं CEO​

अब इसे महाबीर पोद्दार के बेटे अरविंद पोद्दार संभालते हैं। बालकृष्ण इंडस्ट्रीज लिमिटेड (बीकेटी) का मार्केट कैप 45.90 हजार करोड़ रुपये है।

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ट्रैक्टर टायर्स की कीमतें

बीकेटी के ट्रैक्टर टायर रेंज की कीमत रुपये 3500 से 48,000 रुपये है।

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