Dec 19, 2023
अक्सर टाइम ट्रैवल को लेकर कई कहानियां सुनने को मिल जाती हैं और कई दावे सामने आते हैं।
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यह विषय लंबे समय से आम लोगों के लिए ही नहीं बल्कि वैज्ञानिकों के लिए भी जिज्ञासा भरा टॉपिक रहा है।
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ऐसे में आज हम आपको टाइम ट्रैवल के जरिए पीछे या आगे के समय को देखा जा सकता है उसके बारे में बता रहे हैं।
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यू्निवर्सिटी ऑफ मेरिलैंड बाल्टीमोर काउंटी में एस्ट्रोनोमी और एस्ट्रोफिजिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर एडी फूर्ड का एक लेख कन्वरसेशन में प्रकाशित हुआ।
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इसमें वो कहती हैं कि थर्मोडायनमिक सिद्धांत को माना जाए, तो टाइम ट्रैवल असंभव है। यूनिवर्स में वक्त के साथ या तो चीजें एक सी रहती हैं या विकृत हो जाती हैं।
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समय आगे की दिशा में ही बढ़ सकता है, पीछे की दिशा में नहीं। वहीं अल्बर्ट आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत सुक्षाव देता है कि वक्त लोगों के लिए विभिन्न दर से बीतता है।
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प्रकाश की गति से यात्रा करने वाले अंतरिक्ष यात्री के लिए पृथ्वी की तुलना में समय धीमी गति से बीतता है, यानी उम्र धीमी गति से बढ़गी।
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मशहूर भौतिकवादी स्टीफन हॉकिंग ने भी भी माना था कि टाइम ट्रवल संभव नहीं है।
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