Sep 3, 2024
एक ऐसा शख्स जिस 1870 के दशक में कीड़ों ने तंग किया और उसने कीड़ों से छुटकारा पाने के लिए मोर्टिन बनाया।
Credit: mortein
ये शख्स ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले एक जर्मन आप्रवासी था जिसका नाम जे हेगमैन था।
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मोर्टिन आज देश के गांव-शहर के कोने-कोने तक पहुंच चुका है। जिसका उपयोग मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
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जे हेगमैनने गुलदाउदी के फूलों को पीसकर पाइरेथ्रम अर्क बनाया और एक कीटनाशक पाउडर बनाया।
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धीरे-धीरे मोर्टिन आस्ट्रेलिया में घरेलू उपयोग की वस्तु बन गई तथा इसकी लोकप्रियता बढ़ती गई। मोर्टिन को 1969 में रेकिट कंपनी ने खरीद लिया था।
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भारत में मलेरिया बढ़ा तो, मोर्टिन की जरूरत बढ़ी। 1993 में ब्रांड को दक्षिण भारत में लॉन्च किया गया और 1996 तक इसे पूरे देश में कॉइल, मैट और एरोसोल रूपों में बेचा जाने लगा।
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उस समय बहुत कम ब्रांड थे ऐसे में मोर्टिन की बिक्री में उछाल आया और भारत में पहले आठ सालों में बिक्री में 66% की बढ़ोतरी हुई।
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मोर्टिन की पेरेंट कंपनी रेकिट के देश में डेटॉल, वीट, वैनिश, डिस्प्रिन, कोडिस और नुलोन हैंड क्रीम जैसे प्रोडक्ट काफी लोकप्रिय है।
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