Oct 30, 2023
इस समय भारत में क्रिकेट वर्ल्ड कप की धूम है। और ज्यादातर मैच फ्लड लाइट में खेले जा रहे हैं।
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खेलों की दुनिया को फ्लड लाइट ने पूरी तरह से बदल दिया है। दुनिया में सबसे पहला सफल डे-नाइट मैच साल 1930 में अमेरिका में बेसबाल मैच के दौरान खेला गया। इसमें टंगस्टन के फिलामेंट बल्ब लगाए गए।
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क्रिकेट में पहला आधिकारिक डे-नाइट मैच साल 1979 में खेला गया। यह मैच ऑस्ट्रेलिया और वेस्ट इंडीज के बीच खेला गया। उस दौरान फिलिप्स एक बड़ी कंपनी थी, जो फ्लडलाइट बनाती थी।
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भारत में बजाज फ्लड लाइटिंग के कारोबार की प्रमुख बिजनेस ग्रुप है। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसने 100 से ज्यादा इंडोर और आउटडोर स्टेडियम में फ्लड लाइटिंग की है।
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मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम, हैदराबाद के राजीव गांधी स्टेडियम, बेंगलुरू के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भी बजाज ने ही फ्लडलाइट लगाई है।
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भारत में पहली एलईटी फ्लड लाइट नरेंद्र मोदी स्टेडियम में लगाई गई है। टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार जिसके इंस्टालेशन का कम सिग्नीफाई इंडिया कंपनी ने किया है।
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भारत में पहला डे-नाइट क्रिकेट साल 1984 में जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में खेला गया था। आज के दौर में सबसे ज्यादा मेटल हेलिड लैंप और सोलर वेपर लैंप की डिमांड है। सोडियम वेपर या मेटर हेडिल लैंप 80-160 वॉट तक की रोशनी देते हैं।
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LED सिस्टम के बाद पूरी दुनिया बदल गई है। नई तकनीकी में लाइट कंट्रोल कंप्यूटर से किया जाता है। अकेले नरेंद्र मोदी स्टोडियम में फिलिप्स के 580 एरेना विजन एलईडी का इस्तेमाल किया गया है।
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