Aug 17, 2023
1526 से 1857 तक भारत में हुकूमत करने वाले मुगलों के पास जितनी दौलत थी, इसका अनुमान लगाना भी मुश्किल है
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मगर मुगलों के पास दौलत कहां से आती थी, ये एक अहम सवाल है
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दरअसल मुगल हुकूमत में कमाई का सबसे बड़ा जरिया था अलग-अलग तरह के टैक्स
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मुगलिया हुकूमत में किसानों से उनकी उपज पर पैदावार के हिसाब से टैक्स लिया जाता था
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लैंड रेवेन्यू टैक्स 25% तक थे, जो जिहत और सरजिहत, फुरुअत और अबवाब के नाम से वसूले जाते थे
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दूसरे देशों से आयात की जाने वाली वस्तुओं पर इम्पोर्ट टैक्स लगाया जाता था, जो 2.5 से 10 फीसदी तक होता था
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धार्मिक टैक्स के रूप में गैर-मुस्लिमों से जजिया टैक्स और मुस्लिमों से जकात टैक्स लिया जाता था
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देश और विदेशी दोनों तरह के कारोबार पर सड़क और नदी के रास्तों के इस्तेमाल पर राहदारी टैक्स लिया जाता था
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उस समय बाजार शुल्क भी था। वहीं व्यापारियों, कारीगरों से उनके रेशम जैसे प्रोडक्ट्स पर कटरापार्चा टैक्स लगता था
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