चॉक से बोर्ड पर लिखे जाते थे शेयरों के दाम, खरीदने के लिए करना पड़ता था ये काम

Kashid Hussain

Feb 19, 2024

​यूनीक निवेशकों की संख्या​

आज भारत में शेयर बाजार के यूनीक निवेशकों की संख्या 8 करोड़ से अधिक हो गई है

Credit: Indian-History-Topics/Twitter

​फोन से ट्रेडिंग​

आज निवेशक जेब से फोन निकालते हैं और मेट्रो, बस, ऑफिस या घर कहीं से भी ट्रेडिंग शुरू कर लेते हैं

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FPI निकाल रहे पैसा

​चॉक से बोर्ड पर लिखे जाते थे रेट​

मगर 1980 के दशक और उससे पहले ट्रेडिंग इतनी आसान नहीं थी। तब शेयर बाजार में रेट चॉक से बोर्ड पर लिखे जाते थे

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​निवेशकों और ब्रोकरों की भीड़​

दलाल स्ट्रीट पर निवेशकों और ब्रोकरों की भीड़ लगी रहती थी। सबकी आंखे टकटकी लगाकर बोर्ड को देखती थीं

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​फिजिकल फॉर्म में होते थे शेयर​

आईपीओ से लेकर डेली ट्रेडिंग तक सभी तरह के निवेश की प्रॉसेस लंबी थी। शेयर तब फिजिकल फॉर्म में हुआ करते थे

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ऐसे ट्रेडिंग आसान हुई​

फिजिकल फॉर्म में मौजूद शेयर किसी तरह के सर्टिफिकेट जैसे होते थे। मगर समय के साथ तकनीक आई, जिससे ट्रेडिंग आसान हुई

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​कम्प्यूटर के जरिए ट्रेडिंग शुरू हुई​

इंटरनेट आने पर पहले कम्प्यूटर के जरिए ट्रेडिंग शुरू हुई और उसके बाद मोबाइल ने शेयर बाजार में कारोबार करना बेहद आसान बना दिया

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​भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार​

अब भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा इक्विटी बाजार बन गया है। भारतीय एक्सचेंजों पर लिस्टेज शेयरों की मार्केट कैपिटल 4.33 ट्रिलियन डॉलर हो गई

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