Dec 22, 2023

ये है 121 साल पुरानी पेंट कंपनी, हावड़ा ब्रिज-राष्ट्रपति भवन से रेलवे तक इसकी चमक

Ashish Kushwaha

​121 साल पुरानी कंपनी​

121 साल पुरानी कंपनी शालीमार पेंट्स का नाम देश की सबसे पुरानी कंपनियों में आता है।

Credit: Shalimar-Paints

​इसकी स्थापना 1902 में हुई​

इसकी स्थापना 1902 में ब्रिटिश उद्यमियों एएन टर्नर और एसी राइट द्वारा की गई थी।

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​पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बड़ा प्लांट ​

कंपनी ने पश्चिम बंगाल के हावड़ा में बड़ा प्लांट स्थापित किया, जो दक्षिण पूर्व एशिया में अपनी तरह का पहला प्लांट था।

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​शालीमार पेंट्स ​

शालीमार पेंट्स को भारतीय बाजार में टिके रहने और खुद को स्थापित करने की योजना वाली पहली कंपनी माना जाता है।

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​रतन जिंदल​

1990 के आसपास, कंपनी का अधिग्रहण रतन जिंदल ने कर लिया, जिनकी इसमें 30% से अधिक हिस्सेदारी थी।

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​ एतिहासिक इमारतों में इसका पेंट हुआ यूज​

भारत की कई एतिहासिक इमारतें और संरचनाएँ जैसे हावड़ा ब्रिज, राष्ट्रपति भवन, साल्ट लेक स्टेडियम, AIMS की पुताई शालीमार पेंट्स से की गई।

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​ भारतीय रेलवे भी इसी पेंट का करता है यूज​

केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, एनटीपीसी, भारतीय रेलवे, बीपीसीएल और आईओसी जैसी कई सरकारी एजेंसियां ​इसी कंपनी के बनाए पेंट्स का इस्तेमाल करती हैं।

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​शालीमार पेंट्स का मार्कट कैप​

शालीमार पेंट्स का मार्कट कैप 1.51 हजार करोड़ रुपये है।

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