Sep 19, 2024
कोलकाता के रहने वाले 30 साल के देबज्योति साहा इंजीनियर के तौर पर नौकरी कर रहे थे। मगर लॉकडाउन में उनकी नौकरी चली गई
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कई महीने मुश्किल से गुजारने के बाद अक्टूबर उन्होंने 2020 में 15000 रु की लागत से गली में एक दुकान पर गोलगप्पे बेचना शुरू किया
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गोलगप्पे को कोलकाता में फुचका कहा जाता है। इसलिए देबज्योति ने अपने वेंचर का नाम फुचकावाला रखा
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अपने काम उन्हें अपनी छोटी बहन ज्योतिर्मयी का साथ मिला। दुकान की सफाई से रंगाई-पुताई तक बहन-भाई ने मिलकर की
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जिस दुकान में उन्होंने वेंचर शुरू किया, वो 10 साल से बंद थी। इसे उनके पिता ने खरीदा था। यही दुकान उनके बहुत काम आई
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उन्हें कामयाबी मिली और अब फुचकावाला के 5 आउटलेट हो गए हैं। द बेटर इंडिया के अनुसार फुचकावाला की मंथली कमाई 1.5 लाख रु है
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फुचकावाला में चिकन से भरे फुचका, कॉर्न चीज फुचका और ‘बांग्लादेशी फुचका’ भी मिलते हैं, जिसमें अंडा भरा होता है
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6 फुचका की प्लेट 120 रु की है। अब उनके पिता अकाउंट संभालते हैं, मां मेन्यू देखती हैं, जबकि देबज्योति की पत्नी सोशल मीडिया स्ट्रेटेजिस्ट हैं
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