पिता की मेहनत को 'गन्ने' से बचाया, 40 देशों से कमा रहा अयोध्या का अरबपति

Kashid Hussain

Mar 3, 2024

​वेद कृष्ण​

कई भारतीय अपने फैमिली बिजनेस को नई ऊंचाई तक ले गए हैं। इनमें से एक हैं पैका (Pakka Ltd) के वेद कृष्ण

Credit: Twitter/Pakka

​स्ट्रेटेजी हेड और वाइस प्रेसिडेंट ​

वेद कृष्ण पैका के स्ट्रेटेजी हेड और वाइस प्रेसिडेंट हैं, जिन्होंने इस कंपनी का कारोबार 40 से अधिक देशों में पहुंचाया है

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​पिता ने भारत लौटने को कहा​

वे पायलट बनना चाहते थे। मगर लंदन में पढ़ाई पूरी होने के बाद पिता केके झुनझुनवाला ने उन्हें अयोध्या (भारत) लौटने को कहा

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बढ़ेगा दवाओं का उत्पादन

​फैमिली बिजनेस में शामिल हो गए​

वेद कृष्ण भारत आकर फैमिली बिजनेस में शामिल हो गए। झुनझुनवाला ने 1981 में अयोध्या में एक छोटी सी फैक्ट्री लगाई थी, जिसमें कागज बनता था

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​शुरू में कंपनी नहीं चला पाए​

कंपनी का नाम यश पेपर्स था। अच्छी शुरुआत के बाद बिजनेस डममगाने लगा। वेद कृष्ण भी शुरू में कंपनी नहीं चला पाए

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​कंपनी बेचने की कोशिश की​

उन्होंने कंपनी बेचने की कोशिश की। मगर ऐसा भी नहीं हो पाया। 2005 में उनके पिता का भी देहांत हो गया। मगर वेद कृष्ण ने हार नहीं मानी

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​फूड ग्रेड पेपर​

फिर उन्होंने उन्होंने यश पेपर्स को फ्लेक्सिबल और सस्टेनेबल पैकेजिंग प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी बना दिया। 2 साल बाद वे फूड ग्रेड पेपर बनाने लगे

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​गन्ने की खोई​

उसके बाद चक ब्रांड नाम से कंपोस्टेबल टेबलवेयर बनाना शुरू किया। इसके लिए उन्होंने प्लास्टिक और थर्मोकोल के बजाय गन्ने की खोई का इस्तेमाल किया

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​ फूड कैरी प्रोडक्ट और फूड सर्विस मैटेरियल ​

इससे वे पैकेजिंग मटेरियल, फूड कैरी प्रोडक्ट और फूड सर्विस मैटेरियल भी बनाने लगे। उन्होंने कंपनी का नाम भी बदला

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​मार्केट कैपिटल 1250 करोड़ रु​

आज उनकी कंपनी के प्रोडक्ट 40 से ज्यादा देशों में जाते हैं। पैका की मार्केट कैपिटल 1250 करोड़ रु है

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