May 16, 2024
मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता और विक्रेता कंपनी है। पैसेंजर कार सेगमेंट में इसका मार्केट शेयर करीब 42% है
Credit: Twitter/BCCL
1981 में भारत सरकार ने सुजुकी मोटर के साथ जॉइंट वेंचर में मारुति की शुरुआत की थी। तब इसका नाम मारुति उद्योग लिमिटेड था
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शुरुआत में सुजुकी मोटर मारुति में छोटी पार्टनर कंपनी थी, मगर आज इसकी हिस्सेदारी 58% फीसदी से अधिक है
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मगर मारुति का इतिहास 1981 से पुराना है। 1971 में मारुति मोटर्स की शुरुआत हुई थी। इसके पहले एमडी संजय गांधी थे
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सरकार 1950 के दशक से ही सस्ती कारों के प्रोडक्शन पर विचार कर रही थी। 1968 में संजय पढ़ाई करके भारत लौटे
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1 दिसंबर 1968 को, संजय गांधी ने छोटी कार बनाने के लिए लेटर ऑफ इंटेंट के लिए औद्योगिक विकास मंत्रालय के पास आवेदन किया
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मंजूरी मिलने पर उन्होंने पुरानी दिल्ली में रोशनआरा बाग के पास एक किराए के गैरेज में ऑपरेशन शुरू करके अपना ऑटोमोटिव प्रोजेक्ट शुरू किया
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फिर संजय ने मारुति फैक्ट्री लगाने के लिए गुरुग्राम में लगभग 12,000 रुपये प्रति एकड़ की कीमत पर 297 एकड़ जमीन खरीदी
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1972 में मारुति की पहली कार का प्रोटोटाइप तैयार हुआ। 1973 में कारों का प्रोडक्शन शुरू हुआ। 1974 में मारुति को इंडस्ट्रियल लाइसेंस मिला
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इमरजेंसी के दौरान संजय की राजनीति में भागीदारी और 1977 में इंदिरा गांधी की हार के बाद 1978 में एक अदालत ने मारुति को डिजॉल्व करने का ऑर्डर दिया
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1980 में इंदिरा की सत्ता में वापसी के बाद भारत सरकार ने हस्तक्षेप किया और मारुति का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया
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2003 में सरकार ने मारुति में अपनी कुछ हिस्सेदारी सुजुकी मोटर कॉर्प को बेच दी। फिर 2007 में इससे पूरी तरह बाहर निकल गयी
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