Sep 17, 2023
लिज्जत पापड़ भारत भर के हर राज्य में एक लोकप्रिय नाम है।
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लिज्जत को 7 महिलाओं ने छगनलाल करमसी पारेख नामक एक सामाजिक कार्यकर्ता से 80 रुपये का लोन लेकर शुरू किया था।
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इन 7 महिलाओं में जसवन्तीबेन, पार्वतीबेन, उजामबेन, बानुबेन, लागुबेन, जयाबेन और दीवालीबेन लुक्का का नाम है।
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2019 की रिपोर्ट के मुताबिक इसका टर्नओवर 1,600 करोड़ रुपये तक हो गया है।
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लिज्जत पापड़ से करीब 45,000 महिलाएं जुड़ी हैं और हर दिन 48 लाख पापड़ बनाती हैं।
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महिलाओं ने पहले दिन 4 पैकेट के साथ शुरुआत की और पहले साल में 6,000 रुपये के पापड़ बेचे थे।
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1962 में, नकद पुरस्कार प्रतियोगिता से चुने जाने के बाद ब्रांड नाम 'लिज्जत' रखा गया था। उस समय इसकी बिक्री 2 लाख रुपये के करीब थी।
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नवंबर 2021 में, लिज्जत पापड़ को-फाउंडर जसवंतीबेन जमनादास पोपट को राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
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