Aug 24, 2023
बिजनेस में कामयाब होने वाली कंपनियों की एक से एक अनोखी कहानी मौजूद है, जो दूसरों के लिए प्रेरणा है
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इनमें लिबर्टी शूज भी शामिल है, जिसे हरियाणा के दो भाइयों धर्मपाल गुप्ता और पुरूषोतम दास गुप्ता ने शुरू किया था
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उनके साथ आरके बंसल भी लिबर्टी शूज को शुरू करने में शामिल थे
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पढ़ाई पूरी करने के बाद वे अपना बिजनेस शुरू करना चाहते थे, मगर पैसों की तंगी एक बड़ी अड़चन थी
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लोन लेकर उन्होंने 1954 में पाल बूट हाऊस नाम से दुकान खोली, जहां वे शुरू में मोचियों की मदद से रोज केवल 4 जोड़ी जूते बना पाते
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धर्मपाल और पुरूषोतम के जूतों बनाने के कारोबार का सबसे पहले उनके परिवार के ही लोगों ने विरोध किया
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उनका मजाक तक उड़ाया गया, मगर गुप्ता बंधुओं ने हिम्मत नहीं हारी
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मशीन न होने के कारण उस समय हाथ से जूते बनाने पड़ते थे। 1964 में गुप्ता भाइयों ने लिबर्टी ब्रांड की शुरुआत की
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1982 में लिबर्टी के जूतों की पहली फैक्ट्री लगी और 1995 तक ये 10 सब-ब्रांड के साथ फुटवियर की सभी कैटेगरी के प्रोडक्ट बनाने लगी
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आज लिबर्टी रोज 50 हजार जोड़ी जूते बनाती है और इसका सालाना टर्नओवर 600 करोड़ रु से अधिक है
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