Jul 29, 2023

टाटा की अमीरी बहुत सुनी होगी, गरीबी में अफीम ने खोल दी किस्मत

Ashish Kushwaha

​जेआरडी टाटा की है आज 119 वी जयंती​

आज जेआरडी टाटा यानी जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा की 119वीं जयंती है। उनका जन्म 29 जुलाई 1904 को हुआ था

Credit: Tata-Group

​1938 में टाटा समूह के अध्यक्ष​

वह 1925 में टाटा एंड संस से जुड़े। बेहद कड़ी मेहनत के दम पर वह 1938 में टाटा समूह के अध्यक्ष बने और उन्होंने कई उद्योगों के विकास में अहम भूमिका निभाई।

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Semiconductor Importance

​पायलट का लाइसेंस हासिल करने वाले पहले भारतीय​

जेआरडी टाटा ने 1929 में पायलट का लाइसेंस हासिल किया और वह यह लाइसेंस प्राप्त करने वाले पहले भारतीय बने।

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​देश को पहली एयरलाइन देने वाले उद्योगपति​

इसके बाद उन्होंने 1932 में भारत की पहली विमान सेवा ‘टाटा एयरलाइंस’ की शुरुआत की।

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​टाटा के पूर्वज करते थे अफीम की खेती​

हममे से बहुत कम लोगों को पता होगा कि रतनजी दादाभाई टाटा चीन में 18 वीं सदी में टाटा एंड कंपनी के नाम से अफ़ीम का व्यापार करते थे। वह प्रसिद्ध व्यवसायी जेआरडी टाटा के पिता थे।

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​बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना हुई​

अफीम के खेती ने टाटा ग्रुप को नया विस्तार मिला। बाद में टाटा ने देश में पारसियों के साथ मिल कर द बैंक ऑफ इंडिया की स्थापना भी की थी।

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​अफीम का व्यापार गैरकानूनी होने के बाद स्टील के बिजनेस में रखा कदम​

कुछ समय बाद अफीम का व्यापार गैरकानूनी हो गया जिसके बाद टाटा ग्रुप ने मील खोलने और स्टील के प्रोडक्शन वाले बिजनेस में कदम रखा था।

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​पूर्वजों ने खाली बोतलें भी बेचीं​

टाटा परिवार में सबसे प्रमुख पारसी व्यापारी जमशेदजी जेजीभाई थे, जो गरीबी से अमीर तक पहुंचे। शुरुआत में उन्होंने खाली बोतलें इकट्ठा कीं और बेचीं, जिससे उन्हें बाटलीवाला की उपाधि भी मिली।

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​1820 के दशक में 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की​

कुछ ही सालों में जमशेदजी जीजीभॉय ने कथित तौर पर 1820 के दशक में जब उनकी उम्र 40 वर्ष थी, उन्होंने 2 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर ली थी। वह भारत के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में थे।

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