Feb 11, 2024
By: Ashish Kushwahaयह स्टार्टअप जो ज्वैलरी बेचता है, वह असली हीरे की जगह लैब में तैयार हीरे बेचता है।
यानी देखा जाए तो ये नकली हीरे हैं, लेकिन अगर पेनटेस्टर से चेक करेंगे तो दोनों में ये पता कर पाना नामुमकिन है कि कौन सा असली है और कौन सा नकली।
अगर असली हीरा 4 लाख का है, तो वैसा ही लैब ग्रोन डायमंड 50 हजार रुपये में मिल जाएगा।
इस स्टार्टअप का नाम है Jewelbox, जिसकी शुरुआत दो भाई-बहन विदिता कोचर और निपुण कोचर ने 2022 में की थी।
विदिता को पहली बार इसके बारे में 2021 में पता चला था, जब उनके पति अमन ने उन्हें एक बड़ी सी डायमंड रिंग देकर प्रपोज किया था।
इससके बाद इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद से एमबीए और पेशे से सीए विदिता ने इसके बारे में अपने भाई निपुण से बात की।
निपुण भी सीए हैं और दोनों ने मिलकर एक कंपनी की शुरुआत की, जो लैब ग्रोन डायमंड की ज्वैलरी बेचती है। अमेरिका में इसका एक बड़ा मार्केट है।
लैब ग्रोन डायमंड को बनाने के लिए नेचुरल डायमंड की पतली सी शीट को कुछ लैब कंडीशन में रिएक्टर में डाला जाता है. उसमें इसे करीब 2300 डिग्री फॉरेनहाइट तक के टैंप्रेचर पर रखते हैं।
उसमें कार्बन गैस और मीथेन गैस डालकर प्रेशर अप्लाई करके धीरे-धीरे उससे एक पत्थर बनाया जाता है, जो लैब ग्रोन डायमंड होता है। बाद में इसकी कटिंग और पॉलिसिंग करके ज्वैलरी बनती है।
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