Aug 24, 2023
चांद पर फतह कर इसरो के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी।
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इसरो के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर ने कहा कि वैज्ञानिक बेहद कम पैसा कमाते हैं। वह लखपति भी नहीं हैं।
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पूरी दुनिया में चंद्रयान की सफलता के साथ उसकी लागत की चर्चा है। असल में जहां नासा जैसे संस्थानों ने हजारों करोड़ रूपये में सफलता पाई, वहीं इसरो ने केवल 615 करोड़ रुपये में चंद्रयान बना दिया।
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माधवन नायर ने कहा है कि इसरो के वैज्ञानिक पैसों की परवाह नहीं करते हैं। उनमें अपने काम का जुनून है।
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उनमें अपने मिशन को लेकर जुनून और प्रतिबद्धता होती है। इस तरह हम ऊंचा मुकाम हासिल करते हैं।
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नायर ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिकों की पगार विकासित देशों के वैज्ञानिकों के वेतन का पांचवां हिस्सा है
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भारत के अंतरिक्ष मिशन की लागत अन्य देशों के अंतरिक्ष अभियानों की तुलना में 50 से 60 प्रतिशत कम है।
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पूर्व इसरो प्रमुख ने कहा कि देश के पास पहले से ही यूरोप और अमेरिका के साथ कई बिजनेस डील हैं और अब चंद्रयान-3 की सफलता के साथ ये बढ़ेंगे।
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