Aug 7, 2023
भारतीय सभ्यता का इतिहास 5000 साल से भी पुराना है। और सिंधु घाटी के दौर से ही भारत का दुनिया की इकोनॉमी में वर्चस्व था।
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भारत की समृद्धि का आलम यह था कि इसे सोने की चिड़िया कहा जाता था।
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मुस्लिम शासन के पहले भारत में गुप्त काल को स्वर्ण युग कहा जाता है। उस समय दुनिया की इकोनॉमी में भारत की जीडीपी 33 फीसदी के करीब हिस्सेदारी रखती थी।
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हालांकि उस दौर में भारत की आबादी भी दुनिया की 33 फीसदी थी।
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मुगलों बादशाहों को दौर में भी भारतीय इकोनॉमी सब पर भारी थी। और दुनिया की 25 फीसदी हिस्सेदारी रखती थी।
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भारत के कपड़े पूरी दुनिया में फेमस थे। और पूरी दुनिया में इसकी मुंहमांगी कीमत मिलती थी।
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इसी समृद्ध पर अंग्रेजों की नजर गड़ गई । और उन्होंने भारत को न केवल लूटा बल्कि उद्योग धंधों को भी चौपट किया। और उसका हश्र यह हुआ कि दुनिया में भारतीय इकोनॉमी का हिस्सेदारी 4 फीसदी पर आ गई।
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मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए ऐसी संभावना है कि भारतीय इकोनॉमी 2029 तक तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी बन जाएगी।
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