Aug 13, 2024
1947 में भारत के बंटवारे के बाद आम लोगों की तरह कई कारोबारी भी इधर से उधर चले गए थे
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इनमें मियां मुहम्मद मंशा शामिल हैं, जो अब निशात ग्रुप के चेयरमैन हैं। बंटवारे से पहले वे पंजाब में जन्मे थे
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1947 में वे 6 साल के थे और परिवार के साथ पाकिस्तान चले गए थे और अब लाहौर में रहते हैं
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1951 में मंशा के पिता मियां मुहम्मद याह्या ने पाकिस्तान में निशात ग्रुप शुरू किया था
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बाद में मंशा उस ग्रुप को बुलंदियों तक ले गए और पाकिस्तान के पहले अरबपति बने
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इस ग्रुप का कारोबार बैंकिंग, सीमेंट, ऑटोमोबाइल, बिजली और बीमा सेक्टर में फैला है
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पाकिस्तान गल्फ इकोनॉमिस्ट के मुताबिक 2022 में निशात ग्रुप की वैल्यू 5.57 अरब डॉलर थी, जो आज भारतीय करेंसी में 46768 करोड़ रु बनते हैं
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निशात ग्रुप पाकिस्तान में सूती कपड़ों का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर और देश में सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला बिजनेस ग्रुप भी है
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