Jan 6, 2024
रीति-रिवाजों से शादी करने के बावजूद अब रजिस्ट्रर्ड मैरिज और कोर्ट मैरिज का चलन है। ऐसे में इन दोनों में क्या फर्क है इसके बारे में जानते हैं।
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इसमें मिलने वाला सर्टिफिकेट एक कानूनी प्रमाण-पत्र होता है, जो शादी को वैधानिक बनाता है।
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शादी का सर्टिफिकेट सभी धर्मों के लिए अनिवार्य है और किसी सरकारी योजना/व्यवस्था का फायदा लेने के लिए इसका होना जरूरी है।
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ये शादी बिना किसी रीति रिवाज के कोर्ट में रजिस्ट्रार के सामने होती है।
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शादी करने के लिए रजिस्ट्रार के सामने एप्लीकेशन दिया जाता है। इसमें 30 दिन का नोटिस देना होता है।
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अगर कोई दलित से अंतर जातीय विवाह करता है, तो उस नए शादीशुदा जोड़े को सरकार की तरफ से ढाई लाख रुपए मिलते हैं।
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नए शादीशुदा जोड़े में से कोई एक दलित समाज से हो और दूसरा दलित समाज से बाहर का।
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नए जोड़े को यह मदद डॉ. अंबेडकर स्कीम फॉर सोशल इंटीग्रेशन थ्रू इंटरकास्ट मैरिज के तहत मिलती है।
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