60 देशों में बिकता है ये भारतीय कूलर, 12 लाख खरीदार, कभी हो रहा था दिवालिया

Kashid Hussain

Apr 8, 2024

​लोहे के भारी एयर कूलर ​

एक समय भारत में घर में एयर कूलर होना लग्जरी थी। वहीं पहले लोहे के भारी एयर कूलर हुआ करते थे

Credit: Symphony/BCCL

​1988 में हुई शुरुआत​

मगर सिम्फनी ने एयर कूलर की अलग-अलग कैटेगरी लॉन्च की। इस कंपनी की शुरुआत 1988 में अचल बेकरी ने की थी

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​60 से अधिक देशों में सेल​

आज ये करीब सालाना 12 लाख कूलरों की बिक्री के साथ दुनिया की सबसे बड़ी एयर कूलर कंपनी है, जिसके प्रोडक्ट 60 से अधिक देशों में बिकते हैं

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वोल्टास के शेयर में तेजी

एयर कूलर के 201 ट्रेडमार्क​

सिम्फनी के पास एयर कूलर के 201 ट्रेडमार्क, 64 रजिस्टर्ड डिजाइन, 15 कॉपीराइट और 48 पेटेंट हैं

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​शेयर बाजार में लिस्टिंग ​

1994 में सिम्फनी शेयर बाजार में लिस्ट हुई। इसकी मार्केट कैपिटल 6,850 करोड़ रु है

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​दिवालिया होने की आई नौबत​

मगर एक समय था जब सिम्फनी दिवालिया होने की कगार पर पहुंच गई थी। दरअसल कूलर का बिजनेस सीजनल है

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​वॉशिंग मशीन, वॉटर हीटर, एसी और एग्जॉस्ट फैन ​

इसलिए बेकरी ने सोचा कि कुछ अन्य प्रोडक्ट्स भी लॉन्च किए जाएं, जिनमें वॉशिंग मशीन, वॉटर हीटर, एसी और एग्जॉस्ट फैन शामिल हैं

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​बेकरी ने इसे संभाला​

सिम्फनी छोटी कंपनी थी। इसके पास रिसॉर्सेज भी कम थे। इसलिए कंपनी डूबने लगी। मगर बेकरी ने इसे संभाला, जो आज भी इसके एमडी हैं

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कंपनी के प्रोडक्ट

आज कंपनी एयर कूलर, लार्ज-स्पेस वेंटी-कूलिंग और टावर फैन बनाती है

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