Nov 8, 2023

ड्राइविंग के समय मिलें ये 7 संकेत, तो समझो टायर बदलने का टाइम आ गया

Anshuman Sakalley

टायर का घिसना

कार जितनी ज्यादा चलेगी, टायर उतना ही घिसेगा। जैसे ही टायर के ग्रिप्स की गहराई खत्म हो जाए, टायर बदलवा लें।

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अलाइनमेंट और बैलेंसिंग

अलाइनमेंट और बैलेंसिंग के बावजूद अगर कई अलग दिक्कतें आ रही है तो कार के टायर्स बदलवाने की आपको जरूरत है।

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ब्रेकिंग में दिक्कत

आप ब्रेक दबाएं और कार पहले की तरह ना रुके, यहां ब्रेक पैड्स या टायर्स में दिक्कत है। फौरन नए टायर डलवा लें।

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बार-बार पंचर

टायर पुराने या खराब होते हैं तो उनमें बार-बार पंचर होने की समस्या आती है। इस समय नए टायर लगाने की जरूरत है।

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डैमेज साइड वाल

टायरों की साइडवॉल पर उभार दिखाई दे रहे हैं, या उनमें दरारें आ गई हों तो आपके लिए खरता है। तुरंत नए टायर लगवाएं।

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टायर का माइलेज

टायर के चलने की सीमा तय होती है, जैसे 50 हजार km, 80 हजार km किलोमीटर तक, इससे ज्यादा घिसना नहीं चाहिए।

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टायर की उम्र

टायरों को 5-6 साल के अंतराल में बदल देना चाहिए, इसके बाद टायर की लाइफ खत्म हो जाती है और खतरा पैदा होता है।

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