Mar 19, 2024
इलेक्ट्रिक वाहन चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की जरूरत होती है। इसके बिना कोई भी इलेक्ट्रिक चलाना गैरकानूनी होता है। कम रफ्तार के चलते कुछ ई-स्कूटर्स बिना हेलमेट-लाइसेंस के भी चलाए जा सकते हैं।
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इलेक्ट्रिक कार या बाइक का इंश्योरेंस कराना भी बाकी वाहनों जितना ही जरूरी होता है। अगर आप ईवी की आड़ में बिना इंश्योरेंस वाली गाड़ी चलाते पकड़े गए तो भारी जुर्माना भी भरना पड़ सकता है।
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बाकी वाहनों के लिए आया 1989 मोटर वाहन एक्ट सबके लिए हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट अनिवार्य करता है। ईवी के लिए भी ये अनिवार्य है, हालांकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों की नंबर प्लेट हरी होती है।
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इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए शुरुआती दौर में सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन माफ किया था। इस छूट को बंद हुए काफी समय बीत चुका है। अब इसके लिए रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है।
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रोड टैक्स का मामला राज्यों पर जाकर अटक जाता है। कुछ राज्य ऐसे हैं जो इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर रोड टैक्स माफ कर देते हैं। इनके अलावा कुछ राज्यों में ये वसूला जाता है।
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भारत में अब इन वाहनों की चार्जिंग व्यवस्था पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है। सरकार के साथ वाहन निर्माता भी हाथ मिलाकर देशभर में इसका विस्तार कर रहे हैं। चार्जिंग को लेकर कोई नियम नहीं है।
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पीयूसी यानी पॉल्यूशन सर्टिफिकेट की इसे जरूरत नहीं होती, क्योंकि इनसे कोई धुआं नहीं निकलता। ये वाहन पर्यावरण को ना के बराबर नुकसान पहुंचाते हैं। ये इनकी सबसे बड़ी खासियत है।
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एक बार इलेक्ट्रिक वाहन खरीद लेने के बाद आपको हर महीने पेट्रोल पर मोटी रकम लुटाने का टेंशन नहीं रह जाता है। ये बैटरी से चलते हैं और इनकी चार्जिंग में बिजली का बिल भी बहुत ज्यादा नहीं आता।
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