Oct 31, 2023
किसी कार की मजबूती उसके कार क्रैश टेस्ट से आंकी जाती है, इस टेस्ट के लिए कार निर्माता कंपनी को बड़ी रकम चुकानी पड़ती है।
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कार क्रैश टेस्ट के दौरान सुरक्षा को देखते हुए वाहनों को रेटिंग दी जाती है, ये 0-5 स्टार्स के बीच होती है।
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अभी तक ग्लोबल NCAP (ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) के तहत विदेशी संस्थाओं द्वारा गाड़ीयों का क्रैश टेस्ट कराया जाता।
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अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय कार निर्माता कंपनीयों को क्रैश टेस्ट के लिए करीब 2.5 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते थे।
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हाल ही में नितिन गडकरी ने भारत NCAP (भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम) लांन्च किया है। अब यह सेफ्टी टेस्ट भारत में होगा।
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जहां पहले कार निर्माता कंपनी को कार क्रैश टेस्ट के लिए करोड़ो देने होते थे वहीं अब यह टेस्ट 60 लाख रुपये में होगा।
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भारत BNCAP की शुरुआत हो चुकी है, इसका कमांड सेंटर पूणे में है। संस्था ने 1 अक्टूबर से वाहनों की टेस्टिंग शुरू कर दी है।
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कार क्रैश टैस्ट संस्थाएं दुनिया के कई देशों में मौजूद हैं, जैसे- ऑस्ट्रेलियन NCAP, यूरो NCAP, जापान NCAP, लैटिन NCAP
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