साइबर फ्रॉड
डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ने के साथ साइबर फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। सरकार भी सख्ती बरत रही है लेकिन साइबर फ्रॉड तरह-तरह के नए तरीके इजाद कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। अब पुलिस ने एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह फिशिंग लिंक के जरिये फोन हैक करने से लेकर कॉल और SMS फॉरवर्डिंग, UPI पिन और जीमेल एक्सेस कर लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था। मामला ठाणे जिले का है। ठाणे के भयंदर पुलिस ने साइबर ठगी के मामले में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह फर्जी एप्लीकेशन के जरिए मोबाइल फोन हैक करके बड़े पैमाने पर ऑनलाइन धोखाधड़ी करते थे। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पुलिसी की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, यह ग्रुप एक अंतरराज्यीय गिरोह का हिस्सा था, जो फिशिंग लिंक का उपयोग करके फोन हैक करता था और कॉल और एसएमएस फॉरवर्डिंग, यूपीआई पिन प्राप्त करने और जीमेल एक्सेस जैसी सुविधाएं हासिल करता था। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया है कि आरोपियों ने धोखाधड़ी वाले लिंक के जरिए आम लोगों के फोन को हैक करने के बाद उनसे ओटीपी और संवेदनशील बैंक विवरण हासिल कर लिए। फिर उन्होंने इन विवरणों का इस्तेमाल फ्लिपकार्ट के जरिए महंगे मोबाइल फोन खरीदने और बाद में उन्हें दूसरे लोगों को बेचने में करते थे।
पुलिस ने मामले की जांच तब शुरू की जब अधिकारी संजय शिपाने और रविंद्र वाघ ने पिछले महीने राजस्थान निवासी रिंकू कुमार श्रीरामजीलाल बैरवा को संदिग्ध परिस्थितियों में 11 महंगे मोबाइल फोन के साथ पाया। बैरवा पर कथित तौर पर कुछ लोगों के बैंक खाते हैक करके फ्लिपकार्ट से 4.77 लाख रुपये के मोबाइल फोन खरीदने का आरोप है। इंस्टाकार्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की शिकायत के बाद उसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। खुफिया जानकारी के आधार पर पुलिस ने नवी मुंबई और भिवंडी के अलावा दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से छह लोगों को गिरफ्तार किया और बाद में मुख्य आरोपी हार्डी उर्फ प्रिंस कमलेश सजनानी को छह अक्टूबर को छत्तीसगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके पास से 107 महंगे मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं। विज्ञप्ति में कहा गया है कि आगे की जांच जारी है।
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