पीलीभीत। Tigress Killed in Pilibhit: बाघिन को लेकर कहा जाता है कि वो जब वो खूंखार हो जाती है तो बेहद खतरनाक हो जाती है और फिर वो लोगों पर हमला करने में भी नहीं चूकती है, कुछ ऐसा ही मामला सामने आया उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से जहां एक बाघिन को गांव वालों ने बुरी तरह से घेरकर लाठी डंडों से पीटा जिसके चलते वो बुरी तरह से घायल हो गई जिससे उसकी मौत हो गई।
बताते हैं कि पीलीभीत जिले के मतैना गांव में नौ व्यक्तियों को घायल करने वाली एक वयस्क बाघिन को गुरुवार को ग्रामीणों ने पीट-पीट कर मार डाला खास बात ये कि जहां से वाक्या हुआ वहां वन अधिकारियों की एक टीम तैनात थी बावजूद इसके ग्रामीण नहीं माने और गुस्साए ग्रामीणों ने घायल बाघिन को पशु चिकित्सालय ले जाने की परमीशन भी नहीं दी,जिसके चलते घायल बाघिन वहीं पड़ी छटपटाती रही और बाघिन ने कुछ ही समय में दम तोड़ दिया।
इस मामले में गांव वालों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है करीब 31 ज्ञात और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है। तीन पशु चिकित्सों के पैनल द्वारा किए गए शव परीक्षण में बताया गया कि बाघिन की मौत ग्रामीणों द्वारा पीटने की वजह से हुई है।
प्रशासन बोला-हमलावरों पर होगी कार्रवाई
इस मामले को लेकर प्रशासन में हड़कंप है वहीं पीलीभीत के डीएम ने कहा, 'कुछ हमलावरों की पहचान हो गई है, वहीं कुछ को पहचानने का प्रयास किया जा रहा है।' इसके साथ ही जिलाधिकारी ने बाघिन की जान बचाने में वन अधिकारियों की भूमिका की जांच करने के लिए न्यायायिक जांच का भी आदेश दिया है।
सूत्रों के अनुसार, बाघिन ने बुधवार को नौ लोगों को घायल कर दिया था। गुरुवार को 19 वर्षीय ग्रामीण श्याम मोहन पर हमला करने के बाद बाघिन को ग्रामीणों ने लाठियों और भाले से पीटा था। पीलीभीत जिले में और पीलीभीत टाइगर रिजर्व में 2012 के बाद से जंगल और उसके आसपास के क्षेत्रों में 16 बाघों और 3 तेंदुओं की मौत हो चुकी है।
पीलीभीत टाईगर रिजर्व के क्षेत्र निदेशक ने कहा, 'बाघिन की उम्र पांच से छह साल के बीच आंकी गई है। उसके शरीर के करीब-करीब हर हिस्से पर भाले जैसे धारदार हथियार के प्रहार से चोट के निशान थे। उसकी पसली भी टूट गई थी। शव परीक्षण के बाद बाघिन को दफना दिया गया।'