नई दिल्ली. पितृ पक्ष 13 सितंबर यानी शुक्रवार से शुरू हो गए हैं। पितृ पक्ष में हम अपने पूर्वजों का जो अब इस दुनिया में नहीं हैं उनका श्राद्ध करते हैं। इन श्राद्ध को करते वक्त कुछ नियमों को याद रखना होता है। इसके अलावा पितृ पक्ष में कुछ काम भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
पितृ पक्ष में पितृ लोक के द्वार खुलते हैं। सभी पितर धरती पर आते हैं। पितृ पक्ष में बहुत सी सावधानी बरतनी होती है। वहीं, कुछ गलतियों के कारण पितृ दोक्ष का भी खतरा होता है। पितृ दोष या पितृदेव को रुष्ट करने से गरीबी और दूसरी बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है।
पितृपक्ष में खाने-पीने का खास ध्यान रखें। 16 दिनों तक चलने वाले इस पक्ष में आप जितना संभव हो मांस या शराब से बिल्कुल दूर रहे हैं। इसके अलावा आप किसी भी तरह के बासी खाना खाने से बचें। खाने के अलावा इस दौरान कपड़े खरीदने से भी बचें।
पितृ पक्ष में नहीं बनाएं शारीरिक संबंध
पितृ पक्ष में पति-पत्नी को शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए। इस दौरान ब्रह्मचर्य का भी पालन करना जरूरी है। इसके अलावा भोग विलास की चीजों से भी बचें। वहीं, गर्भवती स्त्रियों को भी खास सावधानी बरतनी की जरूरत है।
पितृ पक्ष के दौरान गर्भवती महिला को मांस का सेवन करने से बचना चाहिए। मांस का सेवन करने से पितरों का दुख पहुंचता है। इसके अलावा पितृ पक्ष में गर्भवती महिलाओं को जंगल या शमशान जैसी जगहों में नहीं जाना चाहिए।
पितरों को पिंडदान करने वाला गृहस्थ दीर्घायु, यशस्वी होता है। आपको बता दें कि इस साल 13 सितंबर को पूर्णिमा श्राद्ध होगा। वहीं,14 सितंबर को प्रतिपदा श्राद्ध होगा। 28 सितंबर को पितृ अमावस्या है। पितृ अमावस्या के दिन किसी पूर्वज का श्राद्ध किया जा सकता है।
पितृपक्ष की श्राद्ध तिथि 2019