आज देवउठनी एकादशी है। आज के दिन भगवान विष्णु अपनी निंद्रा से जागते हैं। इसके अलावा इस दिन विष्णु जी के स्वरूप शालीग्राम जी के साथ तुलसी विवाह भी कराया जाता है। ऐसे में इस दिन तुलसी पूजा भी की जाती है। दोनों के विवाह का एक आध्यात्मित महत्व भी है जिसका अर्थ है कि तुलसी जी की पूजा के बिना शालिग्राम जी की पूजा नहीं की जा सकती है।
देवउठनी एकादशी के दिन घर पर चावल नहीं बनाना चाहिये। वहीं, घर के सभी लोग फलाहारी व्रत रखने का प्रयास करें तो जीवन में खुशहाली आएगी। वे लोग जो आज के दिन देवउठनी का व्रत रख रहे हैं वो इस विधि के साथ पूजा करें...
देवउठनी एकादशी की पूजा विधि
देवउठनी एकादशी के दिन शाम में व्रत खोलते हुए सबसे पहले भगवान विष्णु को भोग में लगाए तुलसी पत्ते का सेवन करें। इसके बाद ही कुछ मुंह में डालें।