आंवला नवमी को कई जगह आंवला अक्षय नवमी के नाम से भी जाना जाता है। आज के दिन आंवले के पेड़ की पूजा होती है और आंवले के नीचे ही सात्विक भोजन बनाया जाता है। साथ ही आंवले के पेड़ के नीचे ही बैठकर खाना भी खाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। आंवला केवल धार्मिक लिहाज से ही नहीं आयुवेर्दिक पहलू से भी बहुत काम होता है। आंवला नवमी के दिन
आंवले के पेड़ के नीचे मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाया जाता है और उसे फिर केले के पत्तों पर परोसने का नियम है। मान्यता है कि इस दिन यह भोजन रूपी ये प्रसाद ब्राह्मणों और गरीबों को भी खिलाना चाहिए। आंवला नवमी पर पांच उपाय करने से आपकी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
ये पांच उपाय आंवले के वृक्ष की पूजा के साथ करने से आपके घर का आर्थिक संकट सदा के लिए दूर हो जाएगा।