ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार ज्योतिष वेद का नेत्र है। सफलता कर्म तथा भाग्य के मिश्रित प्रभाव से मिलती है। कर्म ही पूजा है लेकिन यदि हम ग्रहों की चाल के अनुरूप जानकारी प्राप्त करते रहें तो सफलता मिलना आसान हो जाता है। प्रत्येक दिवस हम उनके प्रभाव से प्रभावित होते हैं।अपने जन्मांक से जानते हैं ग्रहों का संभावित प्रभाव-