पौराणिक ग्रंथों में कार्तिक महीने को विशेष धार्मिक कार्य का महीना माना गया है। इस पूरे मास व्रत व तप का विशेष फल प्राप्त होता है। मान्यता है की कार्तिक मास मे यदि पूरे महीने मनुष्य धार्मिक कार्य और 7 नियमों का पालन करे तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। कार्तिक के महीने में गंगा सेवन और दान-पुण्य के साथ कई और पुण्य कार्य करने चाहिए। इस मास में ही देवउठनी एकादशी भी होती है। भगवान विष्णु इस मास की एकादशी पर ही अपनी निद्रा से उठते हैं। पुराणों में भगवान नारायण ने ब्रह्मा को, ब्रह्मा ने नारद को और नारद ने महाराज पृथु को कार्तिक मास के सर्वगुण संपन्न माहात्म्य के संदर्भ में बताया है। कार्तिक मास में 7 नियम प्रधान माने गए हैं, जिन्हें करने से शुभ फल मिलते हैं और हर मनोकामना पूरी होती है।
जानें, क्या है कार्तिक मास के ये 7 नियम (Kartik Maas ke Niyam)
कार्तिक मास में इन सात नियमों का पालन करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है और इस जीवन में भी सभी सुख प्राप्त होते हैं।