Ranchi RIMS News: रांची रिम्स में 50 मिनट गुल रही बिजली, वेंटिलेटर पर तड़पते रहे 54 मरीज, लोग हुए बेहाल

Ranchi Hospital: सूबे के सबसे बड़े अस्पताल में बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है। इसका खामियाजा रिम्स में भर्ती मरीजों को भरना पड़ रहा है। गुरुवार को अस्पताल में 50 मिनट बिजली गुल रही और 54 मरीजों की जान आफत में फंसी रही। आईसीयू में भर्ती मरीज उपकरण बंद होने की वजह से तड़पते रहे।

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रांची रिम्स में मोबाइल के टॉर्च से मरीजों का होता रहा इलाज  |  तस्वीर साभार: Facebook
मुख्य बातें
  • रिम्स की सुपरस्पेशिलिटी बिल्डिंग में शाम 7:35 बजे से रात 8:26 बजे तक गुल रही बिजली
  • सुपरस्पेशिलिटी ब्लॉक में भर्ती थे 125 गंभीर मरीज
  • मरीजों के परिजन बिजली विभाग के कर्मियों एवं अस्पताल प्रबंधन से संपर्क की करते रहे कोशिश

Ranchi News: रांची स्थित रिम्स अस्पताल में बिजली आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होने की सच्चाई गुरुवार की देर शाम सबके सामने आ गई। शाम 7:35 बजे से रात 8.26 बजे तक अस्पताल की बिजली गुल रही। इस दौरान आईसीयू में भर्ती 54 मरीज तड़पते रहे। सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में कुल 125 गंभीर मरीज थे। बिजली आपूर्ति बंद होने के बाद आईसीयू के सभी उपकरण बंद हो गए। यहां भर्ती मरीजों की जान संकट में फंस गई। 

मरीजों के परिजन सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग के बाहर आकर बिजली विभाग के कर्मियों और अस्पताल प्रबंधन के सदस्यों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे। अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि बिजली केबल कट जाने की वजह से जेनरेटर से बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। रिम्स के बिजली विभाग के कर्मियों ने काफी देर बाद दूसरे केबल से लाइन जोड़ी।

सिलेंडर की मदद से मरीज को स्टेबल करने की कोशिश की गई

रातू रोड निवासी दुखहनन साहू सीटीवीएस विभाग में भर्ती थे। इन्हें ऑपरेशन थिएटर से तुरंत निकाला गया था और वेंटिलेटर की जरूरत थी। बिजली नहीं होने की वजह से दुखहनन को परेशानी होने लगी। ऐसे में डॉ. अंशुल ने सिलेंडर के माध्यम से मरीज को स्टेबल करने की कोशिश की। फिर बिजली आपूर्ति शुरू होने पर मरीज स्टेबल हो गया। गौरतलब है कि वेंटिलेटर पर एक दर्जन मरीज थे। कुछ वेंटिलेटर में बैट्री बैकअप होने के कारण मरीजों को सांसें मिलती रहीं। मरीजों के परिजनों का कहना है कि वेंटिलेटर तो चल रहा था, लेकिन बार-बार लो एयर प्रेशर का अलार्म बज रहा था। 

मोबाइल टॉर्च के सहारे होता रहा इलाज

सुपरस्पेशलिटी बिल्डिंग में 50 मिनट तक मोबाइल के टॉर्च से मरीजों का इलाज किया गया। ऑपरेशन थिएटर से मरीज निकलने के बाद भी उसे मोबाइल के टॉर्च के सहारे स्टेबल करने की कोशिश डॉक्टर कर रहे थे। वहीं, स्थिति बिगड़ने की सूचना पर अस्पताल के उपाधीक्षक मौके पर पहुंचे। इसके बाद बिजली आपूर्ति सुचारू कराने का निर्देश दिया गया।

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