भारतीय रेलवे में आखिर कितने प्रकार की पटरियां होती हैं, बड़े-बड़े जानकार नहीं जानते होंगे

ये तो हम सब जानते हैं भारतीय रेल नेटवर्क की पूरी दुनिया में चर्चा होती है। क्योंकि, दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत में ही है। रोजाना करोड़ों लोग ट्रेन से सफर करते हैं। इसके बावजूद रेलवे के बारे में कई बातें आप नहीं जानते होंगे। आज हम आपको ऐसी जानकारी देंगे, जिसके बारे में जानकर आप भी दंग रह जाएंगे।

ट्रेन की पटरी
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ट्रेन की पटरी

ये तो जानते हैं कि ट्रेन पटरी पर चलती है। लेकिन, ज्यादातर लोगों को यह मालूम नहीं होगा कि भारतीय रेलवे में कितने तरह की पटरियां होती हैं। इस सवाल को सुनकर ही कई लोग चौंक गए होंगे और सोच रहे होंगे कि पटरियां भी अलग-अलग होती हैं।

चार तरह के गेज
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चार तरह के गेज

दरअसल, भारतीय रेलवे में मूलरूप से चार तरह के गेज होते हैं। गेज रेलवे ट्रैक की दो पटरियों के बीच की दूरी को कहा जाता है। इनके नाम ब्रॉड गेज, मीटर गेज, नैरो गेज और स्टैंडर्ड गेज हैं।

ब्रॉड गेज
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ब्रॉड गेज

ब्रॉड गेज को बड़ी लाइन के नाम से जाना जाता है। इसमें दो पटरियों के बीच की दूरी 1676 मिलीमीटर होती है। इसका मतलब ये हुआ कि पटरी 1676 मिलीमीटर चौड़ी होती है।

मीटर गेज
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मीटर गेज

वहीं, मीटर गेज की पटरी एक हजार मिलीमीटर चौड़ी होती है। इस तरह के रेलवे गेज को बनाने का मुख्य उद्देश्य लगने वाली लागत को कम करना था। वहीं, नैरो गेज की पटरी 762 मिलीमीटर या 610 मिलीमीटर चौड़ी होती है।

स्टैंडर्ड गेज
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स्टैंडर्ड गेज

स्टैंडर्ड गेज को मानक गेज भी कहते हैं। इसकी पटरी 1435 मिलीमीटर चौड़ी होती है। दुनिया के करीब 60% रेलवे ट्रैक इसी गेज का इस्तेमाल करते हैं।

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