Pataal Lok Significance: धरती की क‍ितनी गहराई में है पाताल लोक, किन देवी-देवताओं का यहां है निवास

Pataal Lok Significance: भारतीय पौराणिक ग्रंथों और धार्मिक मान्यताओं में पाताल लोक का एक विशेष स्थान है। स्वर्ग लोक और भू लोक के बाद से ऐसा माना जाता है कि धरती के नीचे अनेक लोक स्थित हैं, जिनमें से पाताल लोक सबसे गहरे स्तर पर है। ये लोक नागलोक और राक्षसों की नगरी के रूप में शास्त्रों में वर्णित है, जहां कई शक्तिशाली देवी-देवताओं और दैत्यों का वास बताया गया है।

पाताल लोक
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पाताल लोक

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पाताल लोक हिंदू धर्म शास्त्रों में वर्णित एक महत्वपूर्ण लोक है, जिसे नागों और दैत्यों का निवास स्थान कहा जाता है। ये लोक केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति और मान्यताओं में भी महत्व रखता है। इस लोक से जुड़ी कई महत्ता और मान्यताएं हैं।

गहराई का वर्णन
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गहराई का वर्णन

हिंदू ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मांड में कुल 14 लोक बताए गए हैं, जिनमें सात स्वर्गीय लोक हैं और सात पाताल लोक हैं। पाताल लोक को धरती की सबसे गहरी सतह माना जाता है। आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, ये पृथ्वी के आंतरिक भागों के समान बताया जाता है, परंतु धार्मिक मान्यताओं में इसे रहस्यमय और मायावी लोक माना जाता है।

पाताल लोक के सात स्तर
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पाताल लोक के सात स्तर

स्कंद पुराण और विष्णु पुराण के अनुसार पाताल लोक को सात भागों में विभाजित किया गया है – अतल, वितल, सुतल, रसातल, तलातल, महातल और पाताल। प्रत्येक लोक में विभिन्न असुरों, नागों और दैत्यों का शासन और निवास बताया जाता है।

देवी-देवताओं का वास
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देवी-देवताओं का वास

विष्णु पुराण के अनुसार पाताल लोक में भगवान विष्णु का एक स्वरूप विराजमान बताया गया है। साथ ही नागराज वासुकी, शेषनाग, दैत्य राज बलि और अन्य राक्षसों का भी निवास पौराणिक काल से यही माना जाता है।

नाग लोक
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नाग लोक

नाग लोक पाताल लोक का ही एक भाग माना जाता है, जहां नाग जाति के राजा वासुकी का राज्य है। अनेक धार्मिक ग्रंथों में नाग लोक की महिमा का वर्णन मिलता है, और इसे एक समृद्ध व स्वर्णमयी नगरी के रूप में बताया गया है।

दैत्यों और असुरों की नगरी
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दैत्यों और असुरों की नगरी

पौराणिक कथाओं में असुरों और राक्षसों को देवताओं द्वारा स्वर्ग से निष्कासित करने के बाद, उन्हें पाताल लोक में भेज दिया गया था। बलि, मय दानव, और अन्य राक्षसों ने इस लोक में अपनी सत्ता स्थापित की और कई युगों तक राज्य किया था।

आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व
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आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में पाताल लोक का उल्लेख कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है। सत युग में भगवान विष्णु ने अपने वामन अवतार के दौरान राजा बलि को पाताल लोक का स्वामी बना दिया था। यही कारण है कि इसे एक रहस्यमय और शक्तिशाली लोक माना जाता है।

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