दो माताओं की कोख में आधा-आधा शरीर लेकर जन्मा था ये योद्धा, श्री कृष्ण का था दुश्मन, भीम ने इसलिए किया इसका वध

​महाभारत में जरासंध नाम का एक राजा था जिसका जन्म बड़े ही विचित्र तरीके से हुआ था। ये इतना शक्तिशाली था कि इसे हराने में भीम को 28 दिनों का समय लग गया था।

इसे हराना नहीं था आसान
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इसे हराना नहीं था आसान

आज हम आपको महाभारत के एक ऐसे योद्धा के बारे में बताएंगे जिसे हराना आसान नहीं था। ये योद्धा दो माताओं के कोख से पैदा हुआ था। इसे हराने के लिए भीम को भगवान कृष्ण की सहायता की जरूरत पड़ी थी।

दो हिस्सों में हुआ जन्म
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दो हिस्सों में हुआ जन्म

जरासंध मगध का शक्तिशाली और प्रभावशाली राजा था। जिसका जन्म एक विचित्र तरीके से हुआ था। उसके पिता यानी राजा बृहद्रनाथ की कोई संतान नहीं थी। ऋषि चंद्रकौशिक ने उन्हें एक फल दिया जिसे उन्होंने अपनी दोनों रानियों के बीच बांट दिया। फल के प्रभाव से दोनों रानियों ने आधे-आधे शरीर वाले बच्चे को जन्म दिया। दोनों रानियां ने घबराकर उस बच्चे को फेंक दिया। इसके बाद जंगल में एक राक्षसी स्त्री जरा ने उन दोनों हिस्सों को जोड़कर उसे जीवित कर दिया। इसलिए बच्चे का नाम "जरासंध" पड़ा — "जरा" (राक्षसी का नाम) + "संघ" (संयोजन)।

पराक्रमी
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पराक्रमी

जरासंध बहुत पराक्रमी था और वह कई छोटे-छोटे राजाओं को बंदी बनाकर अपने प्रभाव का विस्तार कर रहा था।

कृष्ण विरोधी
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कृष्ण विरोधी

जरासंध श्रीकृष्ण का कट्टर विरोधी था। उसने श्री कृष्ण और बलराम को मारने के लिए मथुरा पर 18 बार आक्रमण किया। हालांकि हर बार उसे हार का सामना करना पड़ा था।

जरासंध की मृत्यु
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जरासंध की मृत्यु

जरासंध का वध महाभारत की एक प्रमुख घटना है। पांडवों ने राजसूय यज्ञ के आयोजन से पहले जरासंध को हराना आवश्यक समझा, क्योंकि वह एक बड़ा प्रतिद्वंदी था। जरासंध के वध के लिए श्री कृष्ण, भीम और अर्जुन ब्राह्मण वेश में मगध पहुंचे और जरासंध को द्वंद्व युद्ध के लिए ललकारा।

28 दिनों तक चला युद्ध
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28 दिनों तक चला युद्ध

​भीम और जरासंध के बीच भयंकर युद्ध हुआ, जो बताया जाता है 28 दिनों तक चला। अंत में भीम ने कृष्ण के इशारे पर जरासंध के शरीर के दो टुकड़े करके उन्हें विपरीत दिशा में फेंककर उसका वध कर दिया।(डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।)

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