Panch Kanya Name in Hindi: हिंदू धर्म में किन्हें माना जाता है पंच कन्या? कैसे विवाहित होकर भी कहलाई ये कुंवारी, जानिए इनके नाम
Panch Kanya Name in Hindi (पंच कन्या के नाम):हिंदू धर्म की कई कथाओं और मान्यताओं में पंच कन्याओं का वर्णन मिलता है। लेकिन इन कन्याओं की मान्यता क्या है? तथा इनके क्या नाम है? आज हम आपको इन्हीं के बारे में बताने जा रहे हैं।

पंच कन्या के नाम
हिंदू धर्म शास्त्रों के अनुसार पांच ऐसी स्त्रियों का उल्लेख मिलता है जिन्हें पंच कन्या माना जाता है। इनके बारे में ऐसा वर्णन मिलता है कि ये सभी विवाहित होने के बावजूद भी कुंवारी मानी जाती हैं। इसका मुख्य कारण इनकी पवित्रता और दैवी शक्तियां हैं, जिनके कारण इन्हें अनंत काल तक स्मरण किया जाता है।

अहिल्या
देवी अहिल्या वर्णन रामायण सहित कई सनातन कथाओं मिलता है। गौतम ऋषि की पत्नी, देवी अहिल्या को भगवान ब्रह्मा की मानस पुत्री माना जाता है। महर्षि गौतम की पत्नी अहिल्या को अपने सौंदर्य के कारण देवराज इंद्र के छल का शिकार होना पड़ा था, लेकिन श्री राम के स्पर्श से इन्हें इनकी पवित्रता पुनः प्राप्त हुई थी।

द्रौपदी
द्वापर युग में द्रौपदी पांचाल देश के राजा द्रुपद की पुत्री और पांडवों की पत्नी थी। हस्तिनापुर की राजसभा में हुए द्रौपदी के अपमान का बदला लेने के लिए ही महाभारत का युद्ध लड़ा गया था। द्रौपदी और पांडवों ने महाभारत के युद्ध के बाद धर्म की नींव रखी थी।

कुंती
कुंती कर्ण और पांडवों की माता थीं जिनका विवाह महाराज पांडु से हुआ था। महाभारत काल में भगवान श्री कृष्ण इन्हें बुआ कहते थे। कुंती यदुवंशी राजा शूरसेन की पुत्री थीं। कुंती ने पांडवों को धर्म की रक्षा करने की हमेशा सलाह दी थी जिसकी वजह से उनकी ममता को पूजनीय माना जाता है।

तारा
रामायण काल में वानर राज बाली की पत्नी तारा अपनी बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती थीं। इन्हीं के पुत्र अंगद थे जो कि रावण की राजसभा में शांति दूत बनकर गए थे। अपने पति बाली की मृत्यु के बाद तारा का विवाह सुग्रीव से हुआ था जिसका वाल्मीकि रामायण में स्पष्ट रूप वर्णन मिलता है।

मंदोदरी
मंदोदरी असुरों के राजा मायासुर और अप्सरा हेमा की पुत्री थी। इनका विवाह लंकापति रावण से हुआ था। मेघनाद, अतिकाय और अक्षयकुमार इनके और रावण के पुत्र थे। इनकी सत्यनिष्ठा और धर्मपरायणता इन्हें एक आदर्श स्त्री बनाती हैं।

पंच कन्या मंत्र
पंचकन्याः स्मरेन्नित्यं महापातकनाशिनीः जिसका अर्थ ये है कि अहिल्या, द्रौपदी, तारा, कुंती और मंदोदरी का प्रतिदिन स्मरण करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इस मंत्र के जाप से व्यक्ति के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। इसे मंत्र को सुबह पढ़ना शुभ माना जाता है।

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