यूं ही नहीं बन सकतीं नागा साधु, औरतों को झेलने पड़ते हैं कई दर्द, जानकर कांप जाएगी रूह

Mahila Naga Sadhu Kaise Banti Hai: 2025 में महाकुंभ लगने जा रहा है। इस दौरान साधु-संतों का खूब जमावड़ा लगता है। वहीं इस मेले में महिला नागा साधुओं का आना बहुत खास माना जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिला नागा साधु कैसे बनती है। उन्हें किन-किन चीजों का त्याग करना पड़ता है। चलिए आपको बताते हैं महिला नागा साधुओं के जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।

कैसी होती है महिला नागा साधु की लाइफ
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कैसी होती है महिला नागा साधु की लाइफ

जिस तरह से पुरुष नागा साधु होते हैं वैसे ही महिला नागा साधु भी होती हैं। इनका जीवन काफी कठिन होता है। एक महिला को नागा साधु बनने के लिए कई चीजों का त्याग करने के साथ-साथ कठोर तप करना पड़ता है। चलिए आपको बताते हैं एक महिला नागा साधु कैसा जीवन व्यतीत करती है।

करनी पड़ती है कठोर तपस्या
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करनी पड़ती है कठोर तपस्या

महिला नागा साधुओं को प्रतिदिन कठिन साधना करनी होती है। उन्हें प्रातः उठकर नदी में स्नान करना होता है। चाहे ठंड ही क्यों न हो उन्हें ठंडे पानी से नहाना होता है।

भगवान शिव की भक्ति में रहती हैं लीन
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भगवान शिव की भक्ति में रहती हैं लीन

महिला नागा साधु को स्नान के बाद अपना पूरा दिन भगवान शिव की आराधना में निकालना होता है। फिर श्याम के समय भगवान दत्तात्रेय की पूजा करनी होती है।

अपना करना पड़ता है पिंडदान
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अपना करना पड़ता है पिंडदान

एक महिला को नागा साधु बनने से पहले अपना पिंडदान कराकर पिछले जीवन को छोड़ना होता है।

तोड़ने पड़ते हैं अपने बाल
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तोड़ने पड़ते हैं अपने बाल

महिला नागा साधु बनने के लिए महिलाओं को अपने बाल तक छिलवाने होते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि यह बाल कटवाती नहीं हैं बल्कि हाथों से एक एक बाल तोड़ती हैं।

ब्रह्मचर्य का करना होता है पालन
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ब्रह्मचर्य का करना होता है पालन

एक महिला को नागा साधू बनने से पूर्व ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है। कम से कम 6 से 12 साल तक ब्रह्मचर्य के पालन के बाद ही महिलाओं को नागा साधु की उपाधि मिलती है।

महिला नागा साधुओं को क्या कहकर संबोधित किया जाता है
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महिला नागा साधुओं को क्या कहकर संबोधित किया जाता है?

महिला नागा साधुओं को नागा साधु बनने के बाद 'माता' की उपाधि दी जाती है। लोग इन्हें माता कहकर पुकारते हैं।

एक ही रंग के पहनती हैं वस्त्र
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एक ही रंग के पहनती हैं वस्त्र

महिला नागा साधुओं को अपने पूरे जीवन में सिर्फ गेरुए रंग का वस्त्र पहनने की अनुमति होती है। इसके अलावा उन्हें एक ही वस्त्र पहनना होता है। यानी कि उनका वस्त्र कहीं से सिला हुआ नहीं होना चाहिए।(डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है। इसलिए किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।)और पढ़ें

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