Chanakya Niti: इन 4 जगहों पर बोलना पड़ सकता है भारी, इसलिए हमेशा रहें चुप

Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों में मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए कई अहम बातें बताई हैं। कहते हैं जो कोई भी इन नीतियों का अनुसरण करता है उसके जीवन की कई समस्याओं का हल खुद ब खुद हो जाता है। चाणक्य ने अपनी एक नीति में बताया है कि मनुष्य को किन चार जगहों पर बिल्कुल चुप रहना चाहिए।

इन जगहों पर चुप रहने में ही है भलाई
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इन जगहों पर चुप रहने में ही है भलाई

आचार्य चाणक्य ने अपने अनुभवों और ज्ञान के आधार पर एक ऐसे ग्रंथ की रचना की, जिसे आज सभी चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं। इस ग्रंथ में मनुष्य जीवन को सफल बनाने के लिए कई अहम बातें बताई गई हैं। चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ में जीवन के हर एक पहलुओं पर बात की है और समझाया है कि इंसान को किस समय पर कैसा व्यवहार करना चाहिए। आज हम जानेंगे उस चाणक्य नीति के बारे में जिसमें बताया गया है कि व्यक्ति को किन चार जगहों पर एकदम चुप रहना चाहिए।

किसी के झगड़े के समय
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किसी के झगड़े के समय

चाणक्य नीति कहती है कि अगर कहीं किसी का झगड़ा हो रहा है तो वहां अपनी राय नहीं देनी चाहिए। अगर किसी के झगड़े के बीच में आप बोलने की कोशिश करेंगे तो हो सकता है आप से ही झगड़ा होने लगे। ऐसे में इस जगह पर चुप रहने में ही अपनी भलाई है।

अगर कोई अपनी तारीफ कर रहा है तो उस समय
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अगर कोई अपनी तारीफ कर रहा है तो उस समय

तारीफ सुनना किसे पसंद नहीं होता। लेकिन तारीफ जब दूसरों के मुख से हो तो ज्यादा अच्छी लगती है। लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जो खुद ही अपनी तारीफ करते रहते हैं। चाणक्य नीति कहती है कि जब भी कोई व्यक्ति अपनी तारीफ कर रहा हो तो वहां चुप रहना चाहिए। क्योंकि अगर आप बीच में बोलेंगे तो आपको अपमानित होना पड़ सकता है।

ऐसे समय तो शांत रहना सबसे बेहतर
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ऐसे समय तो शांत रहना सबसे बेहतर

चाणक्य नीति कहती है कि जब किसी विषय के बारे में पूरी जानकारी न हो तो उस पर बात नहीं करनी चाहिए। क्योंकि अगर चार लोगों के बीच में आप आधी अधूरी जानकारी लेकर बात करेंगे तो इससे लोग आपका मजाक उड़ा सकते हैं।

अगर कोई परेशानी बता रहा है तो चुप रहें
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अगर कोई परेशानी बता रहा है तो चुप रहें

अगर कोई व्यक्ति आपको अपनी परेशानी बता रहा है तो उस समय शांत रहकर उसकी बात सुननी चाहिए।

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