कैलाश मानसरोवर जाने की कर लें तैयारी, इस तरह 10 दिन में पूरी होगी यात्रा

साल 2019 में कैलाश मानसरोवर यात्रा को बंद किया गया था, जो इस साल फिर से शुरू होने जा रही है। इस साल श्रद्धालुओं का पहला जत्था जून में रवाना होगा। पहले कैलाश मानसरोवर यात्रा में 24 दिन लगते थे, लेकिन अब सिर्फ 10 दिन में ही यात्रा पूरी हो जाएगी। यहां जानें कैसे-

10 दिन में यात्रा पूरी
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10 दिन में यात्रा पूरी

दिल्ली से चलने के चौथे-पांचवे दिन श्रद्धालु कैलाश क्षेत्र में होंगे और फिर वापसी में ही इतना ही समय लगेगा। यानी 10 दिन में यात्रा पूरी हो जाएगी।

टनकपुर पहला पड़ाव
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टनकपुर पहला पड़ाव

कैलाश मानसरोवर जाने के लिए अब आपको हलद्वानी नहीं टनकपुर पहुंचना होगा। जो इस यात्रा का पहला पड़ाव होगा।

तीन दिन में गुंजी पहुंचेंगे
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तीन दिन में गुंजी पहुंचेंगे

टनकपुर से दूसरे दिन धारचूला फिर तीसरे दिन तवा घाट होते हुए एक ही दिन में गुंजी पहुंच जाएंगे, जहां पहले 8 दिन लग जाते थे।

लिपुलेख दर्रे तक सड़क
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लिपुलेख दर्रे तक सड़क

गुंजी से लिपुलेख दर्रे की दूरी 30 किमी है। लिपुलेख दर्रे तक भी तीर्थयात्री सड़क मार्ग से जाएंगे। जबकि पहले यह बड़ा ही दुर्गम इलाका था।

95 किमी पैदल यात्रा की जरूरत नहीं
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95 किमी पैदल यात्रा की जरूरत नहीं

पहले नाभीढांग होते हुए लिपुलेख दर्रे तक 95 किमी की पैदल यात्रा करनी पड़ती थी, लेकिन अब सड़क लिपुलेख दर्रे तक है।

बस में कैलाश तक सफर
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बस में कैलाश तक सफर

लिपुलेख दर्रे के दूसरी तरफ चीन के कब्जे वाला तिब्बत है, जहां पठार होने के कारण 2 लेन सड़क है और यहां से बस में सवार होकर आप कैलाश तक जा पाएंगे। 9वें दिन टनकपुर लौट आएंगे।

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