छोटी-छोटी बातों पर ता है गुस्सा, सैकेंड्स में हो जाते हैं चिड़चिड़े तो शरीर में हो सकती है इस विटामिन की कमी
आपने देखा होगा कि कुछ लोगों को गुस्सा बहुत आता है, वे छोटी-छोटी बातों पर नाराज हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं, ऐसा होना सामान्य नहीं है। कुछ मामलों में यह शरीर में पोषण की कमी का संकेत भी हो सकता है। यहां जानें किस विटामिन की कमी से गुस्सा ज्यादा आता है।

गुस्सा ज्यादा आना पोषण की कमी का संकेत
क्या आप भी छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा हो जाते हैं? बिना किसी वजह के चिड़चिड़े रहते हैं? अगर हां, तो ये सिर्फ मूड स्विंग नहीं है, बल्कि आपके शरीर में किसी जरूरी विटामिन की कमी का संकेत भी हो सकता है। हम अक्सर सोचते हैं कि गुस्सा और चिड़चिड़ापन सिर्फ तनाव या काम के दबाव की वजह से होता है, लेकिन असल में पोषण की कमी भी इसके पीछे एक बड़ी वजह हो सकती है। यहां जानें कौन से विटामिन इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं..

गुस्सा और चिड़चिड़ापन क्यों होता है?
कभी-कभी छोटी-छोटी बातों पर फट पड़ना या बिना वजह चिढ़ जाना आपके मन और शरीर की स्थिति को दर्शाता है। तनाव, नींद की कमी और हार्मोनल बदलाव तो इसके मुख्य कारण हैं ही, लेकिन जरूरी पोषक तत्वों की कमी भी मूड को बिगाड़ सकती है। जब शरीर को जरूरी विटामिन नहीं मिलते, तो नर्वस सिस्टम कमजोर हो जाता है और इसका सीधा असर आपके मूड पर पड़ता है।

विटामिन बी कॉम्प्लेक्स की कमी
विटामिन बी कॉम्प्लेक्स में कई जरूरी विटामिन होते हैं, जैसे बी1, बी6 और बी12। ये सभी विटामिन हमारे दिमाग को शांत और खुश रखने में मदद करते हैं। इनकी कमी से दिमाग में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर कम हो जाते हैं, जिससे मूड स्विंग्स और गुस्सा बढ़ सकता है।

विटामिन डी की कमी
विटामिन डी को 'सनशाइन विटामिन' कहा जाता है क्योंकि ये सूरज की रोशनी से मिलता है। इसकी कमी से मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है और व्यक्ति को डिप्रेशन और चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है। अगर आप धूप में कम समय बिताते हैं, तो विटामिन डी का स्तर गिर सकता है।

मैग्नीशियम और जिंक की कमी
मैग्नीशियम और जिंक भी आपके मूड को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है और गुस्से पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।

कैसे रखें विटामिन का ख्याल?
रोजाना कम से कम 20-30 मिनट धूप में बिताएं।हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दूध और अंडे आदि जैसे पोषण से भरपूर फूड खाएं। डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स ले सकते हैं। योग और मेडिटेशन से बहुत फायदा मिलेगा। नियमित सेहत की जांच कराना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।

डिस्क्लेमर
प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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