भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है, एडमिशन मतलब नौकरी पक्की

Which Is the first Engineering college Of India: भारत में हजारों की संख्या में इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। वहीं कुल 23 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान हैं। यहां एडमिशन के लिए छात्रों को जेईई मेन, जेईई एडवांस की परीक्षा क्वालीफाई करना होता है। यहां रैंक के आधार पर अभ्यर्थियों को एडमिशन मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है। अगर आप भी नहीं जानते हैं तो यहां जान लीजिए।

भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है
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भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है

देश के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए छात्रों को जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा क्वालीफाई करना होता है। यहां रैंक के आधार पर छात्रों को एडमिशन मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज कौन सा है।

यह है सबसे पहला इंजीनियरिंग कॉलेज
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यह है सबसे पहला इंजीनियरिंग कॉलेज

बता दें भारत का पहला इंजीनियरिंग कॉलेज आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee) है। इसकी स्थापना 1847 में की गई। इस कॉलेज का प्रारंभिक नाम रुड़की कॉलेज था, जिसका नाम 1854 में थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग पड़ा।

क्या था इसका नाम
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क्या था इसका नाम

वहीं स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, 25 नवंबर 1949 को थॉमसन कॉलेज ऑफ सिविल इंजीनियरिंग को विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ और इसका नाम रुड़की विश्वविद्यालय रखा गया।

कैसे मिलता है एडमिशन
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कैसे मिलता है एडमिशन

यह भारत के टॉप इंजीनियरिंग कॉलेजों में से एक है। यहां एडमिशन के लिए स्टूडेंट्स को पहले जेईई मेन, जेईई एडवांस्ड की परीक्षा क्वालीफाई करना होता है। वहीं अच्छे रैंक वालों को यहां दाखिला मिल पाता है।

यहां कुल कितने संकाय
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यहां कुल कितने संकाय

जब इस कॉलेज की शुरुआत हुई तो यहां केवल सिविल इंजीनियरिंग के गिने चुने ही संकाय थे। हालांकि आज यहां 24 से ज्यादा संकायों का संचालन किया जा रहा है। यहां एडमिशन के लिए जेईई मेन और जेईई एडवांस्ड की परीक्षा क्वालीफाई करना होता है। इसके बाद छात्र काउंसलिंग के लिए पात्र माने जाते हैं।

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