पिता की मौत के बाद संभाली घर की जिम्मेदारी, नवनीत आनंद ने 23 की उम्र में क्रैक किया UPSC

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में कामयाब होने वाले कई युवाओं की कहानी बेहद प्रेरणादायक होती है। ऐसी ही एक कहानी बिहार के नवनीत आनंद की भी है, जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा
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​यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा​

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। इस परीक्षा में कामयाब होने वाले कई युवाओं की कहानी बेहद प्रेरणादायक होती है। ऐसी ही एक कहानी बिहार के नवनीत आनंद की भी है, जिन्होंने महज 23 साल की उम्र में यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया है।

इस स्कूल से हुई पढ़ाई
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​इस स्कूल से हुई पढ़ाई​

नवनीत आनंद बिहार के पूर्णिया जिले के छोटे से गांव हरभंगा के रहने वाले हैं। उनकी शुरुआती पढ़ाई लिखाई सैनिक स्कूल, चित्तौड़गढ़, राजस्थान से हुई है।

दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन
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​दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रैजुएशन​

नवनीत नेशनल डिफेंस एकेडमी में जाना चाहते थे। हालांकि, मायोपिया की वजह से उनका यह सपना अधूरा ही रह गया। फिर उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के अंबेडकर यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की और सरकारी भर्ती परीक्षाओं की तैयारी में लग गए।

21 की उम्र में बनें असिस्टेंट कमांडेंट
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​21 की उम्र में बनें असिस्टेंट कमांडेंट​

नवनीत अपनी कड़ी मेहनत और लगन की वजह से महज 21 साल की उम्र में ही CISF में असिस्टेंट कमांडेंट बन गए। वह सीडीएस और यूजीसी नेट जेआरएफ एग्जाम भी पास कर चुके हैं। असिस्टेंट कमांडेट की नौकरी के साथ ही वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में भी लगे रहे।

तीसरे अटेम्प्ट में क्रैक किया यूपीएससी
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​तीसरे अटेम्प्ट में क्रैक किया यूपीएससी​

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के पहले दो अटेम्प्ट में नवनीत प्रीलिम्स भी नहीं क्लियर कर पाए थे। हालांकि, निराश होने की जगह वह अपनी पढ़ाई में लगे रहे। आखिरकार, साल 2023 में यूपीएससी के तीसरे अटेम्प्ट में उन्होंने 499 रैंक हासिल की।

बचपन में पिता को खोया
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​​बचपन में पिता को खोया​

नवनीत ने आज जीवन में मनचाहा मुकाम तो पा लिया है लेकिन कामयाबी की ये राह उनके लिए आसान नहीं रही। दरअसल, उन्होंने बचपन में एक सड़क हादसे में अपने पिता को खो दिया था। इस घटना के बाद परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां के कंधों पर आ गई।

आर्थिक तंगी
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​आर्थिक तंगी​

नवनीत को आर्थिक तंगी के साथ ही लोगों की असंवेदनशील टिप्पणियों का भी सामना करना पड़ा। हालांकि, नवनीत ने कभी हार नहीं मानी और आज उनकी कामयाबी ने परिवार वालों का सिर फक्र से ऊंचा कर दिया है।

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