देश के तीन टॉप स्कूल के पूर्व हेड मास्टर शोमी दास का निधन, रह चुके हैं प्रिंस चार्ल्स के टीचर

भारत के टॉप स्कूल दून स्कूल, मायो कॉलेज और लॉरेंस सनावर के प्रधानाध्यापक रह चुके शोमी दास का 89 साल की उम्र में निधन हो गया है। प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके शोमी दास के निधन से शिक्षा जगत में शोक का माहौल है। हैदराबाद में शोमी दास ने अपनी अंतिम सांस ली। शिक्षा जगत में शोमी दास का प्रभाव कई पीढ़ियों तक फैला हुआ है। आइन उनके जीवन पर एक नजर डालते हैं।

प्रख्यात शिक्षाविद
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प्रख्यात शिक्षाविद

शोमी दास, एक प्रतिष्ठित शिक्षक और भारत के तीन प्रमुख स्कूलों मेयो कॉलेज, लॉरेंस स्कूल, सनावर और द दून स्कूल के एकमात्र प्रमुख थे। उनका जन्म 28 अगस्त 1935 को हुआ था। उनका अपने 89वें जन्मदिन के 10 दिन बाद, सोमवार को देर रात हैदराबाद में निधन हो गया।

टॉप कॉलेज से पढ़ाई
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टॉप कॉलेज से पढ़ाई

शोमी दास स्कूल के दिनों से ही अव्वल छात्र थे। उन्होंने दुनिया के टॉप रैंक वाले कॉलेजों से डिग्रियां ली हैं। शोमी दास ने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कलकत्ता विश्वविद्यालय और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की है।

टीचिंग करियर
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टीचिंग करियर

कॉलेज खत्म होने के बाद से ही शोमी दास का टीचिंग करियर शुरू हो गया। उन्होंने ने 1969 से 1974 तक मेयो कॉलेज के प्रिंसिपल, 1988 तक लॉरेंस स्कूल, सनावर में हेडमास्टर और फिर दून स्कूल में काम किया। इन भूमिकाओं में उनके कार्यकाल ने शैक्षिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी।

शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान
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शिक्षा क्षेत्र में अहम योगदान

शोमी दास को स्कूली और कॉलेज एजुकेशन के क्षेत्र में अहम योगदान के लिए याद किया जाता है। दास का शिक्षा के प्रति दृष्टिकोण अलग ही था। उनके साथ काम करने वाले शिक्षक उन्हें महान ज्ञान और अधिक विनम्रता वाले एक व्यक्ति के रूप में याद करते हैं।

प्रिंस चार्ल्स के टीचर
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प्रिंस चार्ल्स के टीचर

शोमी दास ने गॉर्डनस्टोन स्कूल में अपना शिक्षण करियर शुरू किया था। यहां उनके छात्रों में प्रिंस चार्ल्स भी शामिल थे। प्रिंस चार्ल्स अब ब्रिटेन के किंग हैं। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की मृत्यु के बाद उन्हें 73 वर्ष की आयु में ब्रिटेन का राजा बनाया गया है।

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