UPSC Success Story: मां बनी बेटे की आंख और हाथ, दृष्टिहीन बेटे को सुनाया पूरा सिलेबस, अब बेटा बनेगा अधिकारी

यूपीएससी सिविल सर्विसेज 2024 का फाइनल रिजल्ट हाल में जारी किया गया, जिसके बाद से एक से बढ़कर एक मोटिवेशनल व सक्सेस स्टोरी सामने आ रही हैं, आज की कहानी है दृष्टिहीन रवि राज की, जो कि देख कर पढ़ नहीं सकते थे, इसलिए उनकी मां ने उन्हें पूरा सिलेबस पढ़कर सुनाया। मां बेटे की ये कहानी काफी चर्चा में है, आपको भी इस बारे में जानना चाहिए।

देख नहीं सकता बेटा तो मां ने पढ़कर सुनाया पूरा सिलेबस अब बेटा बनेगा अधिकारी
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देख नहीं सकता बेटा तो मां ने पढ़कर सुनाया पूरा सिलेबस, अब बेटा बनेगा अधिकारी

यूपीएससी सिविल सर्विसेज 2024 के फाइनल परिणाम हाल ही में जारी किए गए। आपने कई मोटिवेशनल व सक्सेस स्टोरी पढ़ी होगी, लेकिन ऐसा कहानी नहीं पढ़ी व सुनी होगी। मिलिए दृष्टिहीन रवि राज से, जो कि देख कर पढ़ नहीं सकते थे, (UPSC Civil Services 2024) इसलिए उनकी मां विभा सिन्‍हा ने उन्हें यूपीएससी का सिलेबस पढ़कर सुनाया।

कहां से हैं रवि राज क्या है उनकी रैंक
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कहां से हैं रवि राज, क्या है उनकी रैंक

रवि राज नवादा जिले के एक छोटे से गांव महुली के रहने वाले हैं। उनके पिता का नाम रंजन कुमार सिन्‍हा हैं, जो कि एक किसान हैं। रवि राज ने UPSC सिविल सेवा परीक्षा परिणाम में 182वीं रैंक हासिल की है।

आंखों से नहीं देखे जाते सपने
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आंखों से नहीं देखे जाते सपने

रवि राज ने ये साबित कर दिखाया कि सपने कोई भी देख सकता है, कितने भी बड़े देख सकता है और सपने देखने के लिए आंखों की जरूरत नहीं। जरूरत है तो बस पूरी कोशिश करने की, जो उन्होंने की। गौरतलब है कि यूपीएससी भारत की सबसे कठिन परीक्षा में से एक है। इसकी तैयारी करना एक दृष्टिहीन उम्मीदवार के लिए कितना कठिन रहा होगा, ये कल्पना करना भी मुश्किल है।

मां की कोशिशों से बच्चे ने रचा इतिहास
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मां की कोशिशों से बच्चे ने रचा इतिहास

विभा सिन्‍हा ने स्‍टडी मैटिरियल को पढ़कर सुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसके अलावा रवि की ओर से दिए जा रहे आंसर को उनकी मां लिखती भी थीं। यही नहीं, इस मां ने अपना रोल भी बखूबी निभाया, हर दिन खाना पानी, किचन से लेकर घर तक का कोई काम पेंडिंग नहीं छोड़ा। कहना गलत नहीं होगा मां बेटे ने मिलकर यूपीएससी सिविल सर्विसेज रिजल्ट में झंडे गाड़ दिए। इनकी कहानी वाकई बहुत बड़ी प्रेरणा का स्रोत है।

मां ने निभाया डबल रोल
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मां ने निभाया डबल रोल

इंटरनेट आशिर्वाद भी है और श्राप भी। निर्भर करता है कि आप इंटरनेट जैसी बड़ी चीज का कैसे इस्तेमाल करते हैं। रवि की मां विभा सिन्‍हा रवि को किताबें पढ़कर तो सुनाती ही थीं, लेकिन जब उन्हें घर के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी होती थी, तो वे टयूब पर लेक्‍चर चलाती थीं। यही नहीं रवि को सवालों के जवाब लिखने और रिकॉर्ड करने में उनकी मदद भी करती थीं। आपको जानकर हैरानी होगी कि रवि राज और उनकी मां दोनों मिलकर तकरीबन 10 घंटे तक पढ़ाई करते थे।

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