लोको पायलट की कितनी घंटे की होती है ड्यूटी, जानकर रह जाएंगे दंग

ट्रेन ड्राइवर को लोको पायलट कहा जाता है, अक्सर इस पद पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी ​होता रहता है, जिसके बाद एक बड़ा वर्ग अप्लाई करना शुरू कर देता है। लेकिन क्या आपको ये पता है कि एक लोको पायलट की ड्यूटी कितने घंटे की होती है? यकीन मानिये जवाब आपको हिला डालेगा।

लोको पायलट की कितनी घंटे की होती है ड्यूटी जानकर रह जाएंगे दंग
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लोको पायलट की कितनी घंटे की होती है ड्यूटी, जानकर रह जाएंगे दंग

हाल ही में लोको पायलट की ड्यूटी चर्चा में आई, दरअसल दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा लोको पायलट के काम के घंटों पर की गई जांच में खुलासा हुआ कि चालक दल के अधिकारियों ने ट्रेन संचालन की सुरक्षा से समझौता करते हुए लोको पायलटों को 13 से 15 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया।

लोको पायलट क्यों है चर्चा में
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लोको पायलट क्यों है चर्चा में

यह मामला तब प्रकाश में आया जब सिकंदराबाद (एससी) मंडल के मालगाड़ी के लोको पायलट आर रविशंकर ने यह आरोप लगाते हुए ड्यूटी पर आने से इनकार कर दिया कि उन्हें आराम के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया।

क्या कहता है नियम
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क्या कहता है नियम?

नियमों के अनुसार, एक लोको पायलट को लगातार 11 घंटे से अधिक काम करने के लिए नहीं कहा जा सकता है।

लोको पायलट की जिम्मेदारी
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लोको पायलट की जिम्मेदारी

भारतीय रेलवे में सहायक लोको पायलट या लोको पायलट की भूमिका ट्रेनों के सुरक्षित और कुशल संचालन के इर्दगिर्द है। इस पद के लिए तकनीकी ज्ञान, सतर्कता और समर्पण जरूरी है।

ALP और LP में अंतर
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ALP और LP में अंतर

LP यानी लोको पायलट, ये मेन ड्राइवर होते हैं, जबकि ALP, मेन ड्राइवर के असिस्टेंट होते हैं। दोनों ही लोगों को ट्रेन की मशीनरी और विद्युत प्रणालियों का अच्छा ज्ञान होना चाहिए। यात्रा के दौरान इंजन में खराबी का पता लगाने और उन्हें ठीक करने में सहायता करने के लिए जरूरी इक्विमेंट्स को चलाने की जानकारी होनी चाहिए।

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