4 राज्य, 24,000 करोड़ की लागत, बिछने वाली हैं 894 KM लंबी मल्टी-ट्रैकिंग पटरियां; किसानों की होगी चांदी

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्य के 18 जिलों में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए चार परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। इन प्रोजेक्ट के विकास से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर का इजाफा होगा। इसमें कुछ रूट पर पटरियों को डबलिंग, ट्रिपलिंग और चौथी रेल लाइन को बढ़ाया जाएगा, जिससे ट्रेनों की गति के साथ समय पर सफर पूरा होगा।

895 KM बिछेंगी नई पटरियां
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895 KM बिछेंगी नई पटरियां

भारतीय रेलवे ट्रेनों की संख्या में इजाफा करने के साथ ट्रैक के विकास पर भी जो दे रही है। खासकर, तेज स्पीड से गाड़ियां दौड़ाने के लिहाज से नई लाइनों के साथ पटरियों के डबलिंग की परियोजनाएं भी विकसित की जा रही हैं। इसी क्रम में आर्थिक मामलों की समिति ने रेल मंत्रालय के 24,634 करोड़ रुपए के परिव्‍यय की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ में 24,000 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली भारतीय रेलवे की चार प्रमुख मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को कैबिनेट की मंजूरी से हजारों गांवों को लाभ होगा। इन परियोजनाओं से रेल कनेक्टिविटी मजबूत होगी और भीड़भाड़ कम होगी। (फोटो-Istock)

इन राज्यों में बिछेंगी पटरियां
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​​इन राज्यों में बिछेंगी पटरियां​

प्रधानमंत्री गति शक्ति के तहत रसद दक्षता में वृद्धि होगी। अन्य लाभों में बेहतर यात्री सुविधा, माल ढुलाई और लोगों के लिए रोजगार के अवसर शामिल हैं। इन परियोजनाओं में महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल के बीच 314 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन, गुजरात और मध्य प्रदेश में 259 किलोमीटर लंबी वडोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी लाइन और मध्य प्रदेश में 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन शामिल हैं। (फोटो-Istock)

इन 18 जिलों पर विकसित होंगी पटरियां
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​इन 18 जिलों पर विकसित होंगी पटरियां​

महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ राज्यों के 18 जिलों में व्‍याप्‍त इन चार परियोजनाओं से भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी। स्वीकृत मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से लगभग 3,633 गांवों, जिनकी जनसंख्या लगभग 85 लाख 84 हजार है, तथा दो आकांक्षी जिलों, विदिशा और राजनांदगांव तक संपर्क बढ़ेगा। अगर, पटरी बिछाने के लिए जमीन की जरूरत पड़ती है तो किसानों की भूमि अधिग्रहित की जा सकती है, जिसके लिए मोटा मुआवजा मिलने से आर्थिक सुधार होगा। (फोटो-Istock)

मल्टी ट्रैकिंग रेल लाइन से फायदा
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​मल्‍टी ट्रैकिंग रेल लाइन से फायदा​

लाइन क्षमता में बढ़ोत्तरी से गाड़ियों की रफ्तार बढ़ेगी, जिससे भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा। मल्‍टी ट्रैकिंग (पटरियों की संख्या बढ़ाना) प्रस्ताव परिचालन सुगम बनाने और भीड़भाड़ कम करने के लिए लाया गया है। इन परियोजनाओं से क्षेत्र के लोगों का व्यापक विकास होगा, वे आत्मनिर्भर बनेंगे और उनके लिए रोजगार-स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। (फोटो-Istock)

पीएम-गति शक्ति के तहत होगा विकास
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​पीएम-गति शक्ति के तहत होगा विकास​

पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार इन परियोजनाओं का उद्देश्य एकीकृत योजना और हितधारक परामर्श द्वारा मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ाना है। ये परियोजनाएं लोगों, वस्तुओं और सेवाओं को निर्बाध संपर्क प्रदान करेंगी। (फोटो-Istock)

 पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
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पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

परियोजना खंड सांची, सतपुड़ा बाघ अभयारण्य, प्रागैतिहासिक मानव जीवन के प्रमाणों और प्राचीन शैल चित्रकला के लिए प्रसिद्ध भीमबेटका शैलाश्रय, हजारा जलप्रपात, नवेगांव राष्ट्रीय उद्यान आदि प्रमुख स्थलों को भी रेल संपर्क प्रदान करेगा, जो देश भर के पर्यटकों को आकर्षित करेगा। (फोटो-Istock)

माल ढुलाई के लिए होगी सहूलियत
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माल ढुलाई के लिए होगी सहूलियत

यह कोयला, कंटेनर, सीमेंट, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न, इस्पात आदि वस्तुओं के परिवहन के लिए भी आवश्यक मार्ग है। पटरियों की संख्या बढ़ाए जाने से प्रति वर्ष 78 मिलियन टन की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे के पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन माध्यम होने के कारण यह देश के जलवायु लक्ष्यों और परिचालन लागत कम करने, तेल आयात (28 करोड़ लीटर) में कमी लाने और कार्बन उत्सर्जन 139 करोड़ किलोग्राम कम करने में मदद करेगा, जो छह करोड़ वृक्षारोपण के बराबर है। (फोटो-Istock)

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