इनकम टैक्स लगाने वाला पहला खाड़ी देश बना ओमान, क्या खत्म हो रहा है तेल का जादू?
Oman Income Tax: ओमान ने अपनी अर्थव्यवस्था की तेल पर निर्भरता घटाने के उद्देश्य से 2028 से व्यक्तिगत आयकर (Income Tax) लगाने की योजना बनाई है। यह खाड़ी क्षेत्र में इस तरह का पहला कदम होगा, क्योंकि अब तक 6 सदस्यीय तेल समृद्ध खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) का कोई भी देश व्यक्तिगत आयकर नहीं लगाता। टैक्स केवल उच्च आय वालों पर लागू होगा और इससे आर्थिक विविधीकरण को बढ़ावा मिलेगा।

केवल उच्च आय वालों पर लागू होगा नया टैक्स
ओमान सरकार ने घोषणा की है कि 2028 से व्यक्तिगत आयकर (Income Tax) लागू किया जाएगा। यह नया 5% टैक्स केवल उन्हीं लोगों पर लागू होगा जिनकी सालाना आय 42,000 रियाल ($1,09,000) या उससे अधिक है। इससे देश के केवल टॉप 1% आय अर्जित करने वाले लोग प्रभावित होंगे। यह जानकारी ब्लूमबर्ग ने ओमानी न्यूज एजेंसी के हवाले से बताया।

उद्देश्य: तेल पर निर्भरता कम करना, सामाजिक खर्च सुरक्षित रखना
ओमान के अर्थव्यवस्था मंत्री सईद बिन मोहम्मद अल-साकरी ने कहा कि यह कदम तेल राजस्व पर निर्भरता कम करने और सामाजिक खर्चों की रक्षा करने के उद्देश्य से उठाया गया है। ओमान कई वर्षों से व्यक्तिगत इनकम टैक्स पर विचार कर रहा है और इसे अन्य राजकोषीय सुधारों के बाद पेश किया गया है। इसने 2020 में सार्वजनिक लोन में कटौती करने और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यक्रम भी शुरू किया था। अल-सकरी ने कहा कि यह कदम ओमान के 2040 को लेकर व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य देश को टैक्नोलॉजी आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना है।

खाड़ी क्षेत्र में ऐतिहासिक निर्णय
ओमान का यह कदम उस क्षेत्र में बड़ा बदलाव दर्शाता है, जहां 6 देशों की खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) में आज तक किसी भी देश ने व्यक्तिगत इनकम टैक्स नहीं लगाया। इस नीति ने वर्षों से विदेशी उच्च-आय वाले पेशेवरों को खाड़ी देशों की ओर आकर्षित किया है। अबू धाबी कमर्शियल बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री मोनिका मलिक ने इसे क्षेत्र में एक अहम राजकोषीय विकास बताया और कहा कि हालांकि इसका दायरा सीमित है, लेकिन यह एक बड़ा संकेत है कि ओमान वित्तीय सुधारों में आगे बढ़ना चाहता है, साथ ही प्रतिस्पर्धी भी बना रहना चाहता है।

IMF की चेतावनी और तेल पर निर्भरता
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पहले ही संकेत दिया था कि जैसे-जैसे वैश्विक स्तर पर जीवाश्म ईंधनों की मांग घटेगी, खाड़ी देशों को इनकम टैक्स जैसे वैकल्पिक राजस्व स्रोतों की ओर देखना पड़ सकता है। हालांकि अभी केवल सऊदी अरब और बहरीन को वित्तीय घाटे का सामना करना पड़ रहा है, अन्य GCC देश फिलहाल मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं।

सुधारों की दिशा में ओमान का कदम
ओमान पिछले कुछ वर्षों से तेल पर निर्भरता कम करने के लिए लगातार प्रयासरत है। सरकार ने निजीकरण (Privatization) के जरिए पूंजी जुटाई है। पिछले वर्ष सरकारी ऊर्जा कंपनी की इकाई के आईपीओ से $2 बिलियन की रिकॉर्ड कमाई हुई थी। मोनिका मलिक के अनुसार ओमान का यह कदम अन्य GCC देशों के लिए भी प्रेरक साबित हो सकता है और भविष्य में वे भी आयकर लागू करने की दिशा में बढ़ सकते हैं।
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