Secondary Teachers Recruitment: 67 माध्यमिक शिक्षकों को बिना नियुक्ति पत्र भर्ती करने पर कलकत्ता हाई कोर्ट सख्त, मांगी रिपोर्ट

Secondary Teachers Recruitment: सीबीआई को स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के दौरान इन मामलों का पता चला था। सीबीआई ने शुक्रवार को उन 67 शिक्षकों की सूची अदालत में पेश की, जिनके नियुक्ति पत्र अभी भी डब्ल्यूबीबीएसई कार्यालय में पड़े हुए हैं।

IANS

Updated Jun 3, 2023 | 01:19 PM IST

Calcutta High Court: कलकत्ता हाई कोर्ट।

तस्वीर साभार : ANI
Secondary Teachers Recruitment : कलकत्ता उच्च न्यायालय ( Calcutta High Court ) के न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) से वर्तमान में विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे 67 माध्यमिक शिक्षकों ( Secondary Teachers ) को बिना नियुक्ति पत्र नौकरी पर रखने के बारे विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई ( CBI ) को स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के दौरान इन मामलों का पता चला था। सीबीआई ने शुक्रवार को उन 67 शिक्षकों की सूची अदालत में पेश की, जिनके नियुक्ति पत्र अभी भी डब्ल्यूबीबीएसई कार्यालय में पड़े हुए हैं।

मामले में अपने रुख के बारे में अदालत को सूचित करे सीबीआई

हैरानी जताते हुए न्यायमूर्ति बसु ने कहा कि सीबीआई के खुलासे कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में एक नया अध्याय खोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि सीबीआई को मामले में अपने रुख के बारे में अदालत को सूचित करना चाहिए। इसके बाद उन्होंने डब्ल्यूबीबीएसई को निर्देश दिया कि वह जल्द से जल्द इस गिनती पर एक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करे।
इस बीच डब्ल्यूबीबीएसई और पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) द्वारा 2020 में की गई नियुक्तियों के लिए सिफारिशों की संख्या पर विरोधाभासी आंकड़े अदालत में प्रस्तुत किए गए थे। डब्ल्यूबीएसएससी ने 186 के आंकड़े उद्धृत किए जबकि डब्ल्यूबीबीएसई ने 175 का आंकड़ा बताया। डब्ल्यूबीबीएसई कार्यालय से 52 व्यक्तियों के अनुशंसा पत्र से संबंधित दस्तावेज गायब हैं।

मामले में पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी 300 से अधिक दिन से जेल में

डब्ल्यूबीबीएसई और डब्ल्यूबीएसएससी दोनों के कई पूर्व शीर्ष अधिकारी करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती मामले में कथित संलिप्तता के कारण वर्तमान में न्यायिक हिरासत में हैं। राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी भी इसी मामले में 300 दिनों से अधिक समय से सलाखों के पीछे हैं। सीबीआई इस सिलसिले में डब्ल्यूबीएसएससी और डब्ल्यूबीबीएसई दोनों के कुछ अन्य अधिकारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है। ऐसे में बिना नियुक्ति पत्र के नौकरी मिलने का मामला निश्चित तौर पर जांचकर्ताओं के लिए नया पहलू खोलेगा।
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